भोपाल। बजट में मनमाने हेरफेर और अफसरों की प्राइवेट पॉलिटिक्स में फंसा फारेस्ट डिपार्टमेंट अपना मूल काम नहीं कर पा रहा है। मध्यप्रदेश की राजधानी के जंगलों से पिछले 2 महीने से दो बाघ गायब हैं, लेकिन वनविभाग को कुछ पता ही नहीं। यदि सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे ध्यान ना दिलाते तो खुलासा अभी भी ना हो पाता।
दो माह से गायब बाघ टी-1 (नर) और टी-2 (मादा) को लेकर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने वन विभाग से रिपोर्ट मांगी है। ये बाघ भोपाल फॉरेस्ट सर्कल क्षेत्र के हैं।
एनटीसीए के रिपोर्ट मांगने के बाद जंगल महकमा सक्रिय हुआ है। अब वन विभाग ने सीहोर और औबेदुल्लागंज वन मंडल को बाघ की लोकेशन और पग मार्क ढूंढने के निर्देश दिए है। वन विभाग की रिपोर्ट मिलने के बाद एनटीसीए कार्रवाई करेगा।
सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे ने एनटीसीए को शिकायत की थी कि प्रदेश से चार बाघ गायब है, उनकी लोकेशन भी वन कर्मियों को नहीं मिल रही है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एनटीसीए के मेंबर सेक्रेटरी राजेश गोपाल ने वन विभाग से जानकारी मांगी है। इस मामले में उन्होंने वन विभाग के अलावा संस्था के रीजनल कार्यालय से भी जानकारी मांगी है।
श्री गोपाल के मुताबिक जिस क्षेत्र में बाघ है, वहां लगातार मॉनिटरिंग होना चाहिए। हर बीट की एक रिपोर्ट भी रोजाना तैयार होना चाहिए कि बाघ वर्तमान में किस बीट में मूवमेंट कर रहा है। इसकी जानकारी संबंधितों को रखना चाहिए। बाघ के मूवमेंट का न मिलना एक गंभीर लापरवाही है।
इधर, भोपाल फॉरेस्ट सर्किल के सीसीएफ महेंद्र यादवेंदु का कहना है कि बाघ के मूवमेंट की जानकारी एकत्रित की जा रही है। कैमरे भी लगाए है। बारिश के कारण मिट चुके पग मार्क इंप्रेशन पेड(पीआईबी) बनाए जा रहे है। बाघ संबंधी जानकारी एकत्रित करके रिपोर्ट एनटीसीए को भेजेंगे।
कहां हैं बाघ-बाघिन खोजबीन जारी
बांधवगढ़ से बाघ ब्लू आई और दमोखर से आक्रामक बाघ के गायब होने की सूचना के बाद एनटीसीए ने उसके पग मार्क और लोकेशन के फोटोग्राफ मांगे हैं। इससे बांधवगढ़ नेशनल पार्क में हड़कंप है। दोनों बाघों को ढूंढने के लिए हाथी की मदद ली जा रही है।
इसके अलावा गश्ती वाहनों से भी खोजबीन की जा रही है। गोपाल का कहना है कि संरक्षित क्षेत्र में बाघ की लोकेशन का न मिलना चिंता का विषय है। बांधवगढ़ नेशनल पार्क से ब्लू आई बाघ मार्च में और दमोखर का आक्रामक बाघ जून में आखिरी बार देखा गया था।