प्रभात झा और राघवजी: दोनों घंटे भर बैठे एक दूसरे का दर्द बांटते रहे

भोपाल। अपवित्र रिश्तों के चलते भाजपा से बेदखल किए गए पूर्व वित्तमंत्री राघवजी एवं कुर्सी से नीचे बम प्लांट कर उड़ाए गए भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा शुक्रवार को करीब एक घंटे तक साथ बैठे रहे। दोनों ने एक दूसरे के दर्द बांटे।

भाजपा से निष्कासित चल रहे पूर्व वित्त मंत्री राघवजी ने अपनी बेटी ज्योति शाह की टिकट के लिए भोपाल आए थे। शिवराज और तोमर के दरबार में तो टाइम मिला नहीं सो उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा के बंगले पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। पार्टी द्वारा की जा रही उपेक्षा से आहत होकर राघवजी रो पड़े।

दुराचार के मामले में भाजपा ने तीन महीने पहले राघवजी को पार्टी से हटा दिया है। लूप लाइन में चल रहे राघवजी मुख्य धारा में आने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी सिलसिले में वे शुक्रवार दोपहर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा से उनके बंगले पर मिलने पहुंचे। सूत्रों के अनुसार, राघवजी ने उनके सामने अपनी उपेक्षा का दुखड़ा रोया है। उन्होंने झा से कहा है कि उन्होंने पार्टी की 56 साल तक सेवा की है, लेकिन आज उनके साथ जो बर्ताव हो रहा है। वह असहनीय है। इतना कहकर राघवजी रो पड़े।

सूत्रों के अनुसार, पूर्व वित्त मंत्री ने अपनी बेटी ज्योति शाह के लिए विदिशा से टिकट मांगा है। उन्होंने कहा कि पार्टी भले ही उन्हें टिकट न दे लेकिन उनकी बेटी को टिकट जरूर दिया जाए। झा ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे उनकी बात शीर्ष नेतृत्व के समक्ष रख देंगे।

अब प्रभातजी भी क्या करते, उन्हें कैसे बताते कि टिकट के मामले में कोई उनकी भी नहीं सुन रहा है। उन्हें तो बस चेहरे पर मुस्कान चिपकाकर आशीर्वाद वाले रथ पर खड़ा कर दिया जाता है। हाथ हिलाओ, मुस्कुराओ और धन्यवाद। कौन जीतेगा और कौन नहीं, किसमें कितना है दम, प्रभात जी के कोई मशवरा किया ही नहीं जा रहा।

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