भोपाल। चुनावी शंखनाद यात्रा के तहत शहडोल और ग्वालियर के बाद दूसरे चरण में 24 अक्टूबर को इंदौर और राहतगढ़ आ रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सभा के लिए भीड़ जुटाने में कांग्रेस पार्टी को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
विधानसभा चुनाव की आसन्न बेला पर युवराज की सभा को प्रभावी बनाने के लिए कांगे्रस नेताओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती जनता की भीड़ जुटाने की है। सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लड़ी जा रही निर्णायक लड़ाई में प्रदेश कांगे्रस को राहुल गांधी के दौरे से बड़ी उम्मीदें हैं,मगर प्रारंभिक दौर की सभा में अपेक्षा के मुताबिक भीड़ नहीं आने से उसकी चिंता बढ़ गई है। शहडोल में 17 अक्टूबर को लालपुर में रखी गई सभा ने पूरी पार्टी को निराश किया है। जहां बामुश्किल पच्चीस से तीस हजार के बीच ही लोगों को जोड़ा जा सका।
हालांकि केंद्रीय ऊर्जामंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कारण राहुल की सभा ग्वालियर में शानदार रही। मेलाग्राउंड पर रखी गई उस सभा में उपस्थिति जनसमूह को देखकर कांगे्रस उपाध्यक्ष गदगद भी नजर आए,लेकिन आदिवासी बहुल संभाग शहडोल में शो जरा फीका रहा। इसकी एक वजह प्रोग्रामिंग में कमी भी हो सकती है। मगर शहडोल की कमीबेसी से सबक लेते हुए कांगे्रस ने अब इंदौर और सागर की राहतगढ़ सभा को कामयाब बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
व्यापारियों के लिए आवभगत
मालवा की धरती इंदौर में कांगे्रस उपाध्यक्ष की सभा को हाउसफुल शो करने के लिए पार्टी को व्यपारियों से आसरा है। क्योंकि यह शहर उद्यमी और व्यापारियों का क्षेत्र है। इंदौर की सभा के जरिए कांगे्रस मालवांचल के साथ पूरे प्रदेश में संदेश देना चाहती है,लेकिन इसके लिए उसे व्यापारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करनी पड़ेगी। इंदौर में भाजपा का दबदबा है,और व्यापारी उसके बड़े समर्थक,इसलिए यहां आमंत्रण कार्ड बांटने का उपाय किया गया है।
भीड़ जुटाने की दिशा में तेजी से प्रयास
इंदौर में राहुल को सुनने वालों की भीड़ जुटाने की दिशा में तेजी से प्रयास शुरू हो गए हैं। अपेक्षा के अनुरूप भीड़ कम आने की आशंका देख दशहरा मैदान के कुछ हिस्से को छोड़ दिया गया है। इंदौर जिला कांगे्रस अध्यक्ष प्रमोद टंडन ने बताया कि राहुल गांधी की दशहरा मैदान पर होने वाली सभा के लिए साठ हजार आमंत्रण कार्ड छपवाए गए हैं। विधानसभावार बैठकों के बाद अब वार्डों में बैठकें की जा रही हैं। कमोवेश ऐसा पहली बार देखने को मिला है जब कांगे्रस ने किसी आमसभा के लिए इतनी बड़ी संख्या में आमंत्रण कार्ड छपवाए हों। जबकि राहतगढ़ सभा के लिए ऐसा कुछ भी नहीं है। जाहिर है यह सब प्रयास कांगे्रस अपने युवराज को हिट करने के लिए कर रही है।