संविदा शाला शिक्षक भर्ती प्रक्रिया बहुत ही विवादों में रही है क्योंकि आये दिन इसके नियम में परिवर्तन हो रहे है, कभी तो 45% तो कभी वेटिगं लिस्ट का चक्कर इसमें शिक्षा विभाग के अधिकारी भी सही जवाब नहीं दे रहे कि आखिर चक्कर क्या है।
अब प्रथम चरण में ये पता नहीं चल रहा की जब संविदा शाला शिक्षक 2 में 18869 पद थे जिनमें से शिक्षा विभाग ने 8580 पद भर दिये गये द्वितीय चरण में 10289 पदों में से 5190 पद अनुसूचित जनजाति के है जबकि बाकि बचे पद में से पिछडा वर्ग, अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग में सिर्फ अंग्रेजी विषय का ही पद बचा है ये बात अब गले नहीं उतर रही है।
आखिर बचे हुए अभ्यर्थी जिनके बीएड/डीएड है द्वितीय चरण में सत्यापन कराया पर पिछडा वर्ग और सामान्य जाति के हैं उनके पद नहीं होने से जिले online choice filling नहीं कर पाये ऐसे अभ्यर्थीयों का क्या होगा। क्या उनका सत्यापन बेेकार जायेगा या शिक्षा विभाग पदों की संख्या बढायेगा।
कुछ ऐसे भी अभ्यर्थी है जो अप्रशिक्षित है जिनको व्यापम की परीक्षा में शामिल किया उनसे शिक्षा विभाग ने फीस के नाम पर करोड़ों रुपयों की उगाई कर अब उनहे ठैंगा दिखा रही है। देखना ये है कि ऐसे अभ्यर्थीयों को शिक्षा विभाग क्या इन्साफ देगा।
प्रार्थी
रमेश कुमार सोनी
ललित प्रजापति