विरोध से बदली व्यवस्था: अब बीजेपी भी में हाईकमान तय करेगा उम्मीदवारों के नाम

भोपाल। लगातार चल रहे विरोध से व्यवस्था परिवर्तन दिखाई दे रहा है मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष नरेंन्द्र सिंह तोमर और प्रदेश के संगठन महामंत्री अरविंद मेनन की तिकड़ी के लिए इस बार अपने खास और करीबी लोगों को उपकृत कर टिकट दिलाना आसान नही होगा।

सूत्र बताते हैं कि भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व इस बार मध्य प्रदेश में टिकट का बंटवारा पूरी तरह से राज्य नेतृत्व के भरोसे छोड़ने के मूड में नहीं है बल्कि केन्द्रीय नेतृत्व बहुत जांच परखकर ही टिकट बंटवारे को अंतिम रूप देगा।

चार राज्यों के चुनाव परिणामों को मोदी की लोकप्रियता का लिटमस टेस्ट मान कर चल रही भाजपा राजस्थान, छत्तीसगढ़ और खासकर मध्यप्रदेश को लेकर कोई रिस्क लेने के लिए तैयार नही हैं। पार्टी ने इस बार उम्मीदवारों के चाल, चरित्र और चेहरे को सतर्कता से जांचने और उसके बाद ही केन्द्रीय चुनाव समिति में अंतिम मोहर लगाने का निर्णय लिया है।

भाजपा से जुड़े सूत्र बताते है कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंन्द्र मोदी ने पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और संगठन महामंत्री रामलाल से स्पष्ट कह दिया है कि चारों राज्यो में टिकट बंटवारे में प्रदेश के क्षत्रपों को खुली छूट न देकर प्रत्येक सीट पर उम्मीदवारों का चयन गहन जांच पड़ताल करने के बाद ही केन्द्रीय चुनाव समिति में अंतिम मुहर लगाई जाए।

विभिन्न एजेसियो द्वारा कराए गए सर्वे, संघ के पदाधिकारियो द्वारा भेजे गए फीडबैक और केन्द्रीय संगठन द्वारा अपने स्तर पर जुटाई गई ग्राउड़ रियालिटी रिपोर्ट के आधार पर पहली बार केन्द्रीय नेतृत्व ने प्रदेश संगठन के इतर अपने स्तर पर प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रो की जानकारी हासिल की है। पार्टी नेतृत्व ने प्रदेश के प्रभारियों से स्पष्ट कह दिया है कि प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ कार्यकर्ताओं और आमजन की नाराजगी को गंभीरता से लेते हुए ऐसे नेताओं को घर बिठाने में जरा भी संकोच न करें जिनकी उम्मीदवारी से पार्टी की जीत की संभावनाओ को पलीता लग सकता है।

मोदी की भूमिका होगी महत्वपूर्ण
इस बार संसदीय बोर्ड में शामिल किए गए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंन्द्र मोदी संसदीय बोर्ड के सदस्य होने के कारण केन्द्रीय चुनाव समिति के भी सदस्य हैं। प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के बाद नरेंन्द्र मोदी की लोकप्रियता विधानसभा चुनावो में भी दाव पर लगे होने के कारण मोदी केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रत्येक उम्मीदवारो की गहन जाच पडताल करवाकर ही अंतिम मुहर केन्द्रीय चुनाव समिति में लगने देंगे। ऐसे स्थिति में मोदी के आपत्ती दर्ज कराने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के लिए अपने पंसदीदा उम्मीदवारो को टिकट दिलाना इस बार आसान नही होगा।

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