पत्रकार राजेन्द्र कुमार कांड के सभी आरोपी फरार, पुलिस को कोई नहीं मिला

भोपाल। मंत्रालय की चौथी मंजिल पर मुख्य सचिव के दफ्तर के सामने खुदकुशी करने वाले पत्रकार राजेंद्र कुमार सिंह मामले में पुलिस ने आठ लोगों को नोटिस भेजे गए, लेकिन बयान दर्ज करवाने कोई नहीं आया है।

इनमें वे दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं, जिनके नाम सुसाइड नोट में लिखे थे। बुधवार तक थाने न पहुंचने पर पुलिस उनके निवास पर पहुंची, लेकिन सभी गायब थे।

शनिवार को राजेंद्र का परिवार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिला था। मुख्यमंत्री को सौंपे ज्ञापन में उन्होंने 17 लोगों के नाम लिखे थे, जो राजेंद्र पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे। पुलिस ने इनमें से आठ लोगों को नोटिस जारी कर बुधवार तक अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। मामले की जांच कर रहे टीआई राजेश मिश्रा ने बताया कि बुधवार को इनके निवास पर पहुंचने पर पता चला कि सभी घर से गायब हैं।

बुधवार को पुलिस ने मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी अशोक मनवानी के भी बयान दर्ज किए। 

आरोपियों का पॉवरप्ले
इधर, इस मामले में बेलदार समाज के लोग लामबंद होना शुरू हो गए हैं। समाज के लोगों का कहना है कि राजेंद्र ने किसी की प्रताड़ना से तंग आकर खुदकुशी नहीं की है। जिन 33 लोगों पर आरोप लगाए जा रहे हैं, वे बेबुनियाद हैं।

उनका कहना है कि फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी पाने के संबंध में एसपी सीहोर, एसपी रायसेन, एसपी अजाक और आदिम जाति अनुसंधान केंद्र द्वारा जांच की गई। जांच में सामने आया आरोपी बताए जा रहे सभी लोग बेलदार समाज के हैं और यह समाज मप्र में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आता है।

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