आप अपने साथियों के साथ संगतिथ होकर निम्न बिन्दुओ पर हाई कोर्ट में केस दर्ज करवा सकते है ,क्योंकि अब शासन अपनी गलती मानने वाला नहीं है और कोई भी राजनितिक पार्टी ,या बड़े मीडिया हाउस इस मुद्दे को प्राथमिकता नहीं चाहता संविदा शाला शिक्षक वर्ग 3 की भारती प्रक्रिया के संदर्भ में बिंदु हैं जिससे यह साबित होता है की यह प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण है जिसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए
१) परीक्षा दिनांक 22/01/2012 के बाद जिन आवेदकों ने शिक्षण प्रशिक्षण सम्बन्धी योग्यता(डी.एड अथवा समकक्ष योग्यता) प्राप्त की है वे किस आधार पर वर्तमान भर्ती प्रक्रिया में, किस शासकीय आदेशअनुसार प्राथमिकता पाने योग्य हैं ?
२ ) क्या शासन ने ये आदेश जारी किया कि कोई भी आवेदक यदि परीक्षा दिनांक 22/01/2012 के बाद भी डी.एड अथवा समकक्ष योग्यता प्राप्त करता है तो वह भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता पाने योग्य होगा ? यदि ऐसा कोई आदेश शासन द्वारा सार्वजनिक होता तो सभी उत्तीर्ण आवेदक डी.एड अथवा समकक्ष योग्यता प्राप्त कर लेते
३) किसी भी शासकीय भर्ती अधिनियम में यह प्रावधान नहीं है की आवेदक यदि परीक्षा दिनांक के उपरांत कोई अन्य योग्यता प्राप्त कर लेता है तो उसे भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाए यदि है तो शासन ने अब तक ये सर्कुलर जारी क्यों नहीं किया ? क्या ये भी भारती नियमों का उल्लंघन नहीं है ?
४) शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधान २३(२) के अनुसार पर्याप्त संख्या में डीएड अथवा समकक्ष योग्यताधारी न मिलने पर राज्य शासन केंद्र के अनुशंसा पर अप्रशिक्षित आवेदको को भी भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित कर सकती है, तो मध्य प्रदेश सरकार ने मार्च 2013 के बाद से अप्रशिक्षित आवेदको को भी भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित करने की अनुमति समय रहते क्यों नहीं मांगी ?
५ ) प्रदेश शासन ने पूर्व में अप्रशिक्षित आवेदको को भारती प्रक्रिया में शामिल करने हेतु केंद्र से अनुमति मांगी थी जो मार्च 2013 तक के लिए दी गयी थी, तब भी मार्च 2013 तक शासन ने भर्ती परक्रिया पूर्ण नहीं की अपितु चुनाव तिथि तक इस प्रक्रिया को लटकाया गया ताकि चुनाव तिथि के अंतिम दिनों में नौकरी उपलब्ध करा कर लोगो से वोट मांगे जा सके , जिसके कारन हजारो बेरोजगारों का भविष्य अधर में लटका हुआ है
Regards
Sachin Bhatnagar
sachin_sjr@rediffmail.com