समीउल्ला खान/झाबुआ। फोटो में जो आपको दिखाई दे रहा है वो तालाब नहीं है, ना ही ये महिलाएं यहां कमल या सिंघाड़े की खेती कर रहीं हैं। ये तो गांव की मेन रोड है जिसमें घुटनों तक पानी भरा हुआ है और लोगों को इसी से गुजरना होता है।
महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनीयम मे 100 दिन के काम के अलावा नियम यह भी हे कि ग्रामिण महिला पुरुष इस अधिीनियम के अंर्तगत नियमानुसार ग्राम पंचायत के सचिव को आवेदन देकर काम मांगते हैं तो सचिव की जिम्मेदारी बनती है की आवेदको को निश्चित समय मे काम दिलवाए।
काम नही मिलने की दशा मे बेरोजगारी भत्ता का प्रावधान भी है। ग्राम पंचायत आमली फलीया के अंर्तगत ग्राम काला डूंगर से माता फलिये तक रोड निर्माण हेतू पचासों महिलाओ ने नियमानुसार महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के माध्यम से सचिव को आवेदन प्रस्तुत कर काम की मांग की गइ थी किंतू ना तो काम ही मिला ना ही यह रोड ही बना।
ग्रामिणो के अनुसार आने जाने मे जिस मार्ग का उपयोग किया जाता हे उस मार्ग मे पानी भर जाने से भारी दिक्कतो का सामना करना पडता है। विगत कइ सालो से इस मार्ग की हालत दयनिय हे इस गांव के महिला पुरूषों को घुटने घुटने तक पानी मे हो कर निकलना पडता है।
गांव से अहाने जाने मे यही मार्ग का अधिकांश उपयोग होने से इस मार्ग का गांववासीयों के लिए अत्यधिक महत्व है। इस मार्ग के निर्माण संबधी कइ बार गाव के महिला पुरुषों ने आवेदन दिया किंतू ना तो उन्हे कोइ काम दिया गया ना ही इस मार्ग का निर्माण ही करवाया गया।
मंगलवार की जनसुनवाइ मे महिलाओ एंव पुरुषों ने पुन: आवेदन कलेक्टर श्रीमति जय श्री कियावत को प्रस्तुत किया तो उन्होने तत्काल जिला पंचायत अध्यक्ष सुश्री कलावती भूरीया को बुलाकर रोड निर्माण करवाने के निर्देष दिए। इस बारे मे सुश्री कलावती भूरीया ने विश्वास दिलाया हे कि उनके पास पेसा पडा है वे उपयंत्री को आदेशित कर इस्टीमेट मंगवाकर काम प्रारंभ करवा देंगी।