अनूपपुर। म.प्र. अध्यापक संयुक्त मोर्चा के बैनर तले जिले के समस्त अध्यापक 7 सितम्बर २०१३ को जमुना कॉलरी के दुर्गा पण्डाल में एकत्रित होकर शासन द्वारा जारी समान कार्य समान वेतन के आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।
ज्ञात हो कि म.प्र. के लोकप्रिय मुख्यमंत्री उर्फ मामाजी द्वारा गुरू पूर्णिमा के अवसर पर अध्यापक संवर्ग को छ.ग. से बेहतर वेतनमान के साथ समान कार्य समान वेतन देने की घोषणा की थी। अध्यापकों को पहले कैबिनेट में प्रस्ताव को लेकर इंतजार कराया और जब कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित कर दिया तो आदेश के लिए इंतजार कराया और जब इंतजार की पराकाष्ठा हो गई तो शिक्षक दिवस के दिन जो आदेश जारी किया गया उसे पाकर अध्यापकों के नीचे से जमीन खिसक गई।
बीच मजधार में फंसा अध्यापक जो बड़े-बड़े सपने संजोये हुए या न घर का रहा ना घाट का। आज अध्यापक उस चौराहे पर खड़ा है जहां उसे किधर जाना है, कुछ सूझ नहीं रहा है। ना तो वह अपना आक्रोश व्यक्त कर पा रहा है और ना ही आदेश को पूर्ण रूपेण अस्वीकार्य कर पा रहा है। प्रांतीय कार्यकारणी प्रदेश में क्या रणनीति बना रही है आम अध्यापक के समझ से परे है। आज आम अध्यापक प्रांतीय नेतृत्व के बिखरे होने के कारण दिशा विहीन होकर पूरा विरोध भी नहीं कर पा रहा है। ङ्क्षकंतु जिले के अध्यापक अपने आक्रोश को व्यक्त करने के लिये आदेश की प्रतियां जलाकर शासन का विरोध करने का शंखनाद कर दिया है।
यह विरोध जिले से निकलकर राजधानी तक जायेगी। इस कार्यक्रम के संभागीय अध्यक्ष श्याम नारायण पाठक एवं सी.पी.तिवारी, संजय गुप्ता, अवधराज सिंह सोलंकी, राकेश तिवारी, अनिल त्रिपाठी, अयज शाह, उदित पाण्डेय, भागवेन्द्र सिंह, बुद्धसेन वर्मा, महेश मिश्रा, रामनारायण पनिका, जमुना प्रसाद, जगदी सिंह, रामबुधि कोल, गणेश केवट, नागेन्द्र सिंह, लखन सिंह, बैजनाथ पनिका, लक्ष्मण दास साहू, जयसिंह, सोहन लाल पाव, लालमणि तिवारी, रामसेवक पनिका, विश्वनाथ प्रजापति, बिजेन्द्र तिवारी, अमित राहा, लल्लू प्रसाद कहार, जगनारायण साहू, रामलखन केवट, जय प्रताप, मिथलेश विश्वकर्मा, श्रीमति संगीता राव, श्रीमति विमला द्विवेदी, श्रीमति सुचिता शर्मा आदि सैकडों अध्यापक सम्मिलित होकर अपना आक्रोश व्यक्त किये।