भोपाल। आपके यहां मेहमान कितने दिन तक टिकते हैं, आप उंगलियों पर गिन सकते हैं. लेकिन माननीयों के मेहमान आते हैं और सालों तक खूंटा गाड़ के पसरे रहते हैं. जी हां, कई सांसद, अपने सांसद भाईयों के मेहमान बनकर 'लुटियंस जोन' की आलीशान सरकारी कोठियों पर सालों से कब्जा किए बैठे हैं. इनमें सबसे पहला और बड़ा नाम कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह का है।
कांग्रेस सांसद नारायण आमलबे को दिल्ली के वीवीआई इलाके लोधी स्टेट में सुविधाओं से लैस सरकारी आवास मिला है लेकिन दिग्विजय पिछले डेढ़ साल से यहां मेहमान बनकर रह रहे हैं. नारायण आमलबे उसी मध्य प्रदेश से आते हैं, जहां के दिग्विजय मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
इस लिस्ट में दिग्गी अकेले नहीं हैं. फिलहाल 51 सरकारी कोठियों पर 'मेहमानों' का कब्जा है. इन मेहमानों में 38 पूर्व सांसद हैं. अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' को एक आरटीआई के जवाब में यह अहम जानकारी मिली है.
लिस्ट के कुछ नाम
दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव: डेढ़ साल से (फरवरी 2012) राजगढ़ से कांग्रेस सांसद नारायण आमलबे की कोठी पर मेहमान हैं,
बंगारू लक्ष्मण, पूर्व बीजेपी अध्यक्ष: दो साल तक (22 अप्रैल 2010 से 22 मई 2012) राज्यसभा से बीजेपी सांसद केबी शानप्पा के मेहमान रहे. फिर 37 दिनों तक (23 मई 2013 से 30 जून 2013) बीजेपी सांसद पुरुषोत्तम रुपाला के मेहमान रहे.
रीता बहुगुणा जोशी, उत्तर प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष: 17 दिसंबर 2012 से कांग्रेसी सांसद विनय कुमार पांडे के सरकारी बंगले पर मेहमान हैं.
रमेश चेन्निथाला, केरल से कांग्रेस सांसद: करीब 6 साल तक (1 दिसंबर 2006 से 31 अक्टूबर 2012) तक कांग्रेस सांसद पीजे कुरियन के बंगले पर मेहमान बनकर रहे.