शहडोल। सरकार द्वारा बच्चों की बेहतर पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति योजना चलाई तो जाती है मगर सम्बन्धित जानकारी विद्यार्थियों तक पहुंचाने वाले नकारा कडि़यों की वजह से उक्त योजनाएं फेल हो जाती है। भारत सरकार द्वारा राज्य शिक्षा केन्द्र के माध्यम से प्रतिवर्ष कक्षा 8 में अध्ययनरत डेढ़ लाख की आयवर्ग वाले बच्चों के लिए राष्ट्रीय मीन्स कम मेरिट छात्रवृत्ति योजना हेतु चयन परीक्षा आयोजित की जाती है।
जिससे बच्चों को कक्षा 9 से 12 तक प्रतिवर्ष 6000 रूपए की छात्रवृत्ति प्राप्त होती है। मगर यह जानकारी बच्चों को उपलब्ध कराने में विभागीय अरूचि की वजह से विगत 5 वर्षों से अत्यधिक कम संख्या में छात्र आवेदन कर रहे हैं। पहले छात्रवृत्ति के लिए बच्चों से फार्म भरवाये जाते थे मगर कम संख्या में फार्म भरे जाने की वजह से गत सत्र में ओएमआर सीट स्कूलों को वितरित कर आवेदन मंगाये गये लेकिन उत्साहीन शिक्षकों द्वारा आधे से ज्यादा ओएमआर सीट वापस जमा ही नही किये गये नतीजन अपेक्षित संख्या में परीक्षार्थी चयन परीक्षा में शमिल नही हो पाये। भारत सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय के पत्र क्रमांक एफ नं.1-1/2012-एसएस नई दिल्ली दिनांक 05.07.2013 के अनुसार विगत सत्र 2012-13 में पूरे मध्यप्रदेष में भारत सरकार द्वारा निर्धारित कोटा से केवल 12.29 प्रतिषत ही उपयोग किया गया।
छात्र छात्राओं को अपेक्षित संख्या में आवेदन न कराने में विभागीय लापरवाही एवं लेट लतीफी को देखते हुए इस वर्ष एमपी आनलाईन के माध्यम से निःशुल्क आवेदन भराये जा रहे हैं लेकिन केवल वेतनवृद्धि में रूचि लेने वाले महापुरूषों की वजह 11 सितम्बर तक पूरे मध्यप्रदेष में केवल 61 विद्यार्थियों के आनलाईन आवेदन रजिस्टर हो पाये । तदाशय का एक पत्र राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा पत्र क्रमांक/राशिके/ एनटीएसई-एनएमएमएस/2013/3296, भोपाल दिनांक 16.09.2013 द्वारा सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजा गया है ।