भोपाल। आरकेडीएफ की एक छात्रा ने सीनियर चार छात्राओं की प्रताड़ना से त्रस्त होकर फांसी लगाकर मंगलवार रात खुदकुशी कर ली। मौके से पुलिस को एक तीन पेज का सुसाइड नोट भी मिला है।
पुलिस फिलहाल सुसाइड नोट में दिए सीनियर छात्राओं के अलावा एक प्रोफेसर का नामों का खुलासा नहीं कर रही है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
फार्मेसी की छात्रा
कमला नगर पुलिस के मुताबिक मूल रूप से राजस्थान निवासी कमलेश शर्मा एक कंपनी में लाइजनिंग अफसर के रूप में काम करते हैं। वे भोपाल में पदस्थ हैं। वे परिवार सहित जीवन बिहार कापंलेक्स के बी-ब्लाक में छठवीं मंजिल के फ्लैट नंबर 611 में रहते हैं।
उनकी छोटी बेटी 18 वर्षीय अनीता ने मंगलवार रात करीब आठ बजे घर पर ही फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मृतका आरकेडीएफ कालेज मे फार्मेसी द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। उस समय घर में उसकी भतीजी श्रुति ही थी, जबकि उसके माता-पिता राजस्थान गए हुए थे। घटना की जानकारी मिलने के बाद वे बुधवार सुबह भोपाल आ गए ।
एसिड डलवाने की देते थे धमकी
मृतका के सुसाइड नोट में लिखा है कि जबसे वह कालेज आई है तभी से उसे चार सिनियर छात्राएं और एक प्रोफेसर परेशान कर रहे थे। इन पांचों के नाम भी सुसाइड नोट में लिखे हुए हैं। पत्र में लिखा है कि उसे उम्मीद थी की उसके सेकंड ईयर में आने के बाद से पांचों सुधर जाएंगे, लेकिन ऐसा नही हुआ।
पत्र में लिखा है कि इन सभी ने उनसे न केवल मिड टर्म की कापियां उससे लिखवाई हैं, बल्कि उसे कई तरह से प्रताड़ित भी करते थे, विरोध करने पर वे उसके चेहरे पर एसिड फिकवा देने तक की धमकी भी देते थे।
फांसी लगाने से पहले बिलख बिलख कर रोई अनीता
आरकेडीएफ की छात्रा अनीता फांसी लगाने के पहले खूब रोई। उस समय घर में उसके अलावा उसकी बड़ी बहन की आठ साल की बेटी ही घर में मौजद थी। फांसी लगाने के पहले अनीता और उसकी बड़ी बहन सुनीता की बेटी श्रृति एक कमरे मे मौजूद थी।
इस दौरान अनीता ने उसे कपड़े बदलने के बहाने बाहर के कमरे में भेज दिया था। इसके बाद उसने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर रोना शुरू कर दिया था। काफी देर तक रोने की आवाज आने के बाद अंदर से आवाज आना बंद हो गई थी।
मौसी के रोने की आवाज आने के बाद श्रृति काफी सहम गई थी। आवाज बंद होने के बाद उसने कमरे में जाने का प्रयास किया, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद मिला। उस समय अनीता की बड़ी बहन सुनीता और छोटी बहन कहीं गई हुई थीं, जबकि उसका भाई हेमंत सब्जी लेने गया हुआ था।
रात आठ बजे उसकी दोनों बड़ी बहन घर लौटी तो उन्हें छोटी बहन अनिता बहन फांसी के फंदे पर लटकी मिली। बहन को फांसी पर लटके देख उसकी बहन होश खो बैठी। यह मंजर रात को जीवन बिहार कांपलेक्स स्थित फ्लैट नबंर 611 का था। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी और पुलिस ने शव को फंदे से उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। घटना के बाद से उसकी बहनों, भाई और मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है।
इस दौरान अनीता ने उसे कपड़े बदलने के बहाने बाहर के कमरे में भेज दिया था। इसके बाद उसने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर रोना शुरू कर दिया था। काफी देर तक रोने की आवाज आने के बाद अंदर से आवाज आना बंद हो गई थी।
मौसी के रोने की आवाज आने के बाद श्रृति काफी सहम गई थी। आवाज बंद होने के बाद उसने कमरे में जाने का प्रयास किया, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद मिला। उस समय अनीता की बड़ी बहन सुनीता और छोटी बहन कहीं गई हुई थीं, जबकि उसका भाई हेमंत सब्जी लेने गया हुआ था।
रात आठ बजे उसकी दोनों बड़ी बहन घर लौटी तो उन्हें छोटी बहन अनिता बहन फांसी के फंदे पर लटकी मिली। बहन को फांसी पर लटके देख उसकी बहन होश खो बैठी। यह मंजर रात को जीवन बिहार कांपलेक्स स्थित फ्लैट नबंर 611 का था। पड़ोसियों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची थी और पुलिस ने शव को फंदे से उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। घटना के बाद से उसकी बहनों, भाई और मां-बाप का रो-रोकर बुरा हाल है।

