भोपाल। मुख्य सचिव श्री आर परशुराम ने एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में रैगिंग की प्रभावी रोकथाम के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने भोपाल में आरकेडीएफ फार्मेसी कॉलेज की छात्रा अनीता शर्मा द्वारा आत्महत्या जैसा कदम उठाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए महाविद्यालय स्तर पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की घटनाओं पर पूर्णत: अंकुश लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि रैगिंग नियंत्रण में शिक्षण संस्थानों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्य सचिव ने महाविद्यालयों के प्राचार्य, संकाय सदस्य द्वारा सत्र प्रारंभ होने के पूर्व और पश्चात जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी संभागायुक्तों को अपने संभाग में कलेक्टरों की अध्यक्षता में बैठकों के निर्देश दिए हैं जिनमें रैगिंग के संबंध में सुप्रीम कोर्ट और राज्य शासन के निर्देशों से शासकीय महाविद्यालयों और निजी शिक्षण संस्थाओं को अवगत करवाया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि रैगिंग की एक घटना भी गंभीर मानकर ऐसी घटनाओं को न होने देने के प्रयास किए जाएं। इस संबंध में शैक्षणिक संस्थाओं को भी चौकन्ना होने को कहा। रैगिंग को पूरी तरह रोके जाने के निर्देशों के पालन और सीनियर विद्यार्थियों की काउंसलिंग के आवश्यक कदम भी उठाये जाएं। छात्र कल्याण अधिष्ठाता के संयोजन में विश्वविद्यालय स्तर पर गठित समितियों में महिला संकाय सदस्य भी अनिवार्य रूप से शामिल करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने शिक्षण संस्थाओं के लिए लिखित निर्देश जारी करने को भी कहा। बैठक में अपर मुख्य सचिव तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास, अजिता बाजपेयी पांडे, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा अजय तिर्की, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा जेएन कंसोटिया, आयुक्त उच्च शिक्षा व्हीएस. निरंजन, गृह सचिव डीपी. गुप्ता और विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों से अपने-अपने स्तर पर रैगिंग की घटनाओं की पूरी रोकथाम और सामने आने वाले प्रकरण में सख्त कार्यवाही करने को कहा।