भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में अपनी पत्नी साधना सिंह के साथ विपक्ष के नेता अजय सिंह के खिलाफ पेश मानहानि प्रकरण में बयान दर्ज कराये।
मुख्यमंत्री कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय पांडेय की अदालत में पहुंचे और लगभग एक घंटे तक अपने बयान दर्ज कराये। मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी के बयान दर्ज करने के बाद अदालत ने दूसरे पक्ष के बयानों के लिये 16 अगस्त की तारीख तय की है।
चौहान ने अदालत में दिये अपने बयान में बताया कि मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने कर्मठता और ईमानदारी से प्रदेश को विकास और जनता के कल्याण की कोशिश की है, जिससे जनता में उनकी साख और लोकहित में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इसी से परेशान होकर विपक्ष के नेता अजय सिंह लंबे समय से उन पर असत्य और अनर्गल आरोप लगाये जा रहें हैं ताकि जनता में भ्रम फैलाया जा सके।
चौहान ने बताया कि उनका विवाह पांच मई 1992 को हुआ था और उनका वैवाहिक जीवन अच्छे से चल रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि नौ मई 2013 को अजय सिंह ने सागर में मेरे और मेरी पत्नी के खिलाफ यह बयान दिया था कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश में गुटखों पर प्रतिबंध लगा दिया जिसके चलते जो गुटखा दस रुपये में छह मिलते था, वही प्रतिबंध के बाद दस रुपये में तीन मिल रहे हैं और इसकी कालाबाजारी के नोट साधना सिंह अपनी नोट गिनने की मशीन में गिन रहीं हैं।
उन्होंने बताया कि इसी तरह अजय सिंह ने चार जून 2013 को खरगौन में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री ने जीवन भर अविवाहित रहने का संकल्प लिया था, लेकिन जैसे ही उनकी राजनीति चमकी वैसे ही वे साधना सिंह को नोट गिनने की मशीन के रूप में ले आये। मुख्यमंत्री ने बताया कि इन समाचारों को सभी समाचार पत्रों में प्रमुखता से छापा गया और उसे पढ़कर उनके नाते रिश्तेदारों ने फोन कर इसकी जानकारी दी और उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ अदालत में परिवाद पत्र दाखिल किया।
मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह ने भी इसी प्रकार के बयान दिये और कहा कि वे एक गृहणी हैं और परिवार और समाज में उनकी प्रतिष्ठा है। उन्होंने कहा कि असत्य और अनर्गल आरोपों को लेकर उनके परिवार के मान सम्मान और प्रतिष्ठा पर आई आंच के चलते अपने वकील के माध्यम से अदालत में परिवाद पत्र दाखिल कराया।
अदालत में मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी के बयान लगभग एक घंटे तक चले। लगभग 12.30 बजे बयान दर्ज कराने के बाद मुख्यमंत्री वापस लौट गये। अदालत ने दूसरे पक्ष के बयान के लिये आगामी 16 अगस्त की तिथी निर्धारित की है। इस मामले की सुनवाई के लिये कल की तिथी निर्धारित थी लेकिन मुख्यमंत्री के वकील ने इस मामल की तिथी एक दिन बढाने की मांग की थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया था।