पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र-बादल महल दरवाजा

अतुल गुप्ता एवं मोहम्मद अजीज। भारत ही नहीं बल्कि विश्व के पर्यटन मान चित्र पर आज चन्देरी नगर किसी परिचय का मोहताज नही है, चाहे हस्तकला द्वारा निर्मित बारीक, महीन साडी हो या फिर पत्थरो से बने ऊॅचे-ऊॅचे गगनचुंबी महल, सरांय, दरवाजे, मंदिर, मस्जिद या ऐतिहासिक इमारतें ये सभी देशी एवं विदेशी पर्यटकों केा खूद व खुद अपनी ओर अकर्षित करने में पीछे नही है।

मध्यप्रेदश के अशोकनगर जिले मे स्थित पर्यटन नगर चन्देरी मे सैकड़ो वर्ष पूर्व बनाये गये गगनचुंवी महल आज भी आसमान को सलाम करते नजर आ रहे है।

भरतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन चन्देरी का ऐतिहासिक बादल महल दरवाजा एक विशाल पहाडी के नीचे नगर के बीचो- बीच स्थित है, इस विशाल बादल महल दरवाजे का निर्माण मालवा के सुल्तान महमूद खिलजी प्रथम ने सन 1450 ई0 मे कराया था। इस महल के वारे मैं कहा जाता है कि चन्देरी नगर में जब भी किसी शाही मेहमान, सुल्तान, बादशाह, शासक या किसी राजा महाराजा का आगमन होता था तो सर्वप्रथम इसी बादल महल दरवाजे के पास आंगतुक शाही मेहमान का स्वागत सत्कार तत्कालीन परंपरानुसार बड़ी ही शानो शौकत और धूमधाम से किया जाता था, इसके वाद चन्देरी पधारे मेहमानो को विषिष्ट अतिथि ग्रह ले जाया जाता था, विषिष्ट अतिथि ग्रह तो अब टूट-फूट कर धरती मे समा गया है किन्तु चन्देरी का गगनचुंबी आसमान छूता यह बादल महल दरवाजा आज भी अपनी खामोश जुबान से भारतीय संस्कृति और कला-कृति के इतिहास को सुनाता नजर आ रहा है।

जमीन से करीब एक सौ फीट की ऊंचाई वाजे इस विशाल दरवाजे का निर्माण चन्देरी की प्रसिद्व स्थापित शैली पत्थरों (चनखरी) से किया गया है, इस दरवाजे में बनाई गयी पत्थरों की बारीक जालियां अफगानी एवं ईरानी कलाकृति को स्पष्ट दर्शाती हुई नज़र आती हैं, बिना की सहारे की यह जालियां देशी एवं विदेशी पर्यटकों का मन मोह लेती है, इस विशाल दरवाजे की आकृति दोनों छोंरों पर नीचे से ऊपर तक गोल है, दोनों छोंरों (खंबों) के ऊपर सिरे से नीचे का भाग खाली है, जिसमें से आसमान का दृष्य बडा ही रमणीय दिखाई देता है, इतना ही नही आसमान छूते इस विषाल बादल महल दरवाजे के पीछे की विशाल पहाडी इस दरवाजे की छटा को और भी सुन्दर बना देती है।

वाहल महल दरवाजा म.प्र. की पहचान ही नही है बल्कि यह चन्देरी का प्रतीक चिन्ह भी बन गया है, विष्व प्रसिद्व चन्देरी साडियों पर प्रतीक चिन्ह के रुप में इसी बादल महल दरवाजे की मौहर लगाई जाती है। जिससे चन्देरी साडी का असली होने का प्रमाण मिलता है, यह मौहर म.प्र. स्टैट टैक्सटाइल कार्पोंरेशन द्वारा लगाई जाती है।

इसके आलावा चन्देरी से बाहर जाने वाली डाक या वाहर से आने वाली डाक पर लगने वाली मौहर के बीच में भी इसी दरवाजे का चित्र अंकित है। पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये इन दिनो भारतीय पुरातत्व सर्वैक्षण द्वारा संरक्षित विशाल बादल महल दरवाजे के आसपास सौन्दर्यकरण एवं विशाल पार्क के निर्माण कार्य किया गया हैं, जिस पर विभाग की ओर से लाखों रुपये व्यय किये गये हैं।

चन्देरी का यह सुन्दर गगनचुंबी बादल महल दरवाजा इन दिनों देशी, विदेशी पर्यटकों के आलावा खासकर स्कूली छात्र-छात्राओं एवं वच्चों के आकर्षण का केन्द्र बना है जहां सेंकडों की तादाद में प्रतिदिन पर्यटक इस विशाल बादल महल दरवाजे को देखने जाते हैं।

बदल महल दरवाजा

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