बैतूल। आदिवासी के साथ मारपीट के मामले को लेकर आदिवासियों ने शनिवार को बीजादेही थाने का घेराव कर धरना शुरू किया था एक आदिवासी की मौत से मामले ने आज नया मोड़ ले लिया है. आदिवासियों ने मृतक आदिवासी की लाश आज थाने के सामने रखकर प्रदर्शन किया.
समाजवादी जनपरिषद के अनुराग मोदी ने आरोप लगाते हुए बताया कि चूनाहजूरी निवासी बिसन आदिवासी उम्र 55 वर्ष की वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा पिटाई की गई थी जिसके कारण उसकी मौत हुई है.
आदिवासियों के द्वारा बताया गया कि वन विभाग के द्वारा ढुमका बीट में की गई कार्रवाई के दौरान बिसन को 28 जुलाई को वन विभाग ने पीटा था. इसके बाद उसकी गांव में पिटाई करने के बाद उसे रेंज आफीस में ले जाकर बंदी बनाकर रखा गया. यहां पर भी उसके साथ मारपीट की गई थी. उसे न्यायालय में पेश किया गया जहां से वह जमानत पर रिहा हुआ. आज सुबह बिसन की चूनाहजूरी में मौत हो गई.
आदिवासियों ने मांग की है कि बिसन का अंतिम संस्कार तब तक नही किया जाएगा जब तक दोषी अधिकारी, कर्मचारियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज नही होता. इधर आदिवासियों के आंदोलन को लेकर पुलिस प्रशासन भी सकते में है.
शनिवार को ही कई थानों का पुलिस फोर्स बीजादेही थाने भेजा गया था. आज अजाक थाने की डीएसपी बीमला चौधरी भी बीजादेही पहुंची है जहां वे आदिवासियों के बयान ले रही है.
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर आदिवासियों ने अजाक थाने में भी प्रदर्शन किया था. लेकिन आदिवासियों की मांग पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर शनिवार को आदिवासियों ने अपना आंदोलन फिर शुरू कर दिया. इस संबंध में अजाक डीएसपी बिमला चौधरी का कहना है कि अजाक थाने आए आदिवासियों में जिनके साथ मारपीट का आरोप लगाया गया था उनका मेडिकल कराया गया था उनमें बिसन शामिल नही था.