बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज, श्मशान घाट पर पिता को दी मुखाग्नि

अमित शुक्ला/अमरकंटक। 'कौन कहता है कि सिर्फ बेटा ही सामाजिक व परिवारिक रीतियों का फर्ज को ही निभाता है क्योकि आज के इस दौर में बेटियां बेटे से कम नही है, वहीं इन परिवारिक सामाजिक रीतियों के मामलों में बेटियां बेटे को पीछे छोड़कर समाज की अन्य रीतियों का पालन कर रही है।

जिसका जीता जागता मिशाल है अमरकंटक स्थित वार्ड क्रमांक 02 की कुमारी मधु सिंह पिता स्व. राजबल्लभ सिंह की बेटी है जो अपने पिता की अंतिम यात्रा में शामिल होकर एक बेटे का फर्ज निभाते हुए पिता को मुखाग्निी दी। उल्लेखनीय है कि वार्ड क्रमांक 02 हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी राजबल्लभ जो पेशे से ठेकेदार थे, जिनकी मृत्यु ३० जुलाई की दोपहर को जबलपुर में उपचार  दौरान हो गई। 

शव को जबलपुर से प्राइवेट वाहन से अमरकंटक रात्रि ०९ बजे लाया गया। जहां परिजनों को पड़ोसियों ने ढाढ़स देकर साहस बांधते रहें। वहीं  परिजनों को इस बात का डर सता रहा था कि शव का अंतिम संस्कार कौन करेगा। सामाजिक लोक लाज एवं मर्यादा से अलग मृतक की तीन  पुत्रियों में सबसे बड़ी १५ वर्षीय पुत्री एवं शासकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में अध्ययनरत १० वीं कक्षा की छात्रा कक्षा  कु. मधु सिंह ने समाज के सामने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया और बेटा होने का फर्ज भी निभागया। बेटी की इस सहास को देखकर नगर वासियों ने उसके जजबात को सलाम किया। 

शव की अंतिम यात्रा में गए नगरपरिषद की ओर से नगरपालिका अध्यक्ष रज्जू सिंह नेताम ने परिजनों को यथासम्भव प्रदेश सरकार की ओर से आने वाली योजनाओं का लाभ व अर्थिक सहायता १५ दिनों में उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। परिजनों की अवस्था को देखते हुए वार्ड क्रमांक दो के ही रमाशंकर कुशवाहा ने अन्त्येष्ठि के साथ अन्य कर्मों में स्वेच्छिक रूप से सहायता प्रदान करने की बात दुहराई। इस अवसर पर अन्य ग्रामीणों रामसेवक कुशवाहा, जगन सिंह व आस-पड़ोस के लोगों ने भी पीडि़त को हर सम्भव सहायता देने की बात कही। 

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