धरना प्रदर्शन से उत्साहित अध्यापक कोर कमेटी 6 अगस्त को करेगी शक्तिप्रदर्शन

भोपाल। मध्यप्रदेश में समान कार्य समान वेतन के मामले पर अध्यापको की एकता का नया रूप देखने को मिला। मुख्यमंत्री चौहान की समान वेतन की घोषणा के बाद फार्मूलों की लुकाछिपी और सरकार द्वारा आदेश प्रसारित नही किये जाने के कारण आम अध्यापक सरकार पर भरोसा नही कर रहा है। इसी वजह आम अध्यापक ने अध्यापक कोर कमेटी के बेनर तले आज एक जुटता का परिचय दिया।

कोर कमेटी से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के जिलो में धरना प्रदर्शन किये गए एवं ज्ञापन सौपे गए। गुना में सर्वाधिक महिलाओं ने आगे आकर सरकार अध्यापको के पुराने संगठनों को दर किनार कर अपनी आस्था अध्यापक कोर कमेटी में जताते हुए शिरकत की। गौर तलब है कि अध्यापको को किस्तों में वेतन वृद्वी दिये जाने का कोर कमेटी ने सबसे पहले विरोध किया था। कमेटी की सरकार से मांग है कि लाभ किष्तों में ना दिए जाए बल्कि 17 साल से शोषित अध्यापको को सम्मान के साथ एक मुष्त लाभ दिये जाए।

प्राप्त समाचारो के मुताबिक शिवपुरी, गुना अशोकनगर, बाग, धार थान्दला मेघनगर भाभरा उदयगढ रिंगनोद इन्दौर रतलाम उज्जैन ताजपुर बालाघाट जबलपुर सिवनी सिहोर भोपाल विदीषा शाजापुर देवास मक्सी नागदा रायसेन शहडोल मुरैना खरगोन बेतुल डिडोरी सहित प्रदेष भर में अध्यापक कोर कमेटी के ज्ञापन षिवराज सरकार के नाम दिये जा रहे है।

पुराने नेताओं के कद हुए बौने

एक बात इस बार सबसे ज्यादा महत्व रखती है कि अब तक 17 सालो से अध्यापक जिन पुराने संगठनो के झण्डे उठाकर नारे लगाता था वह इस बार उन्हे लगभग अविष्वसनिय मान कर कोर कमेटी के साथ हो गया है। अपने पहले आन्दोलन को मिली जुली प्रतिक्रीया के बावजुद अध्यापक कोर कमेटी ने सफलता के मुहाने पर ला खड़ा किया है। यदि अध्यापक इसी तरह कोर कमेटी को समर्थन देते रहे तो प्रदेष में आम अध्यापक के निर्णय एक बेनर के तले होना तय है। वही आज के आयोजन के बाद ये भी लगने लगा है कि पुराने संगठनो के नेताओ के कद अब कोर कमेटी के सामने बौने साबित हो रहे है।

6 तारिख को कमेटी का शक्तिप्रदर्शन

ज्ञात हो कि अध्यापक कोर कमेटी के कार्यक्रम के अनुसार प्रदेष की राजधानी भोपाल में वृहद चेतना रेली का आयोजन किया जाना है इसमें कोेर कमेटी षिवराज सरकार से एक मुष्त लाभ के आदेष एवं षिक्षा विभाग में सम्विलियन के मुददे पर ध्यान आकृषित करेगी। यह भी साफ है कि अब अन्य संगठनों की सहमती को आम अध्यापक ने पुरी तरह नकार कर साफ कर दिया है कि सरकार को अध्यापक हित में निर्णय लेने के पहले कमेटी को विष्वास में लेना होगा। चुनावी माहोल में सरकार इसे हल्के में लेने की गलती भी नही करेगी। क्योकि गुप्तचर विभाग की सुचना सरकार के आला अधिकारियों ने पहले ही जुटा ली है।

आन्दोलन में शामिल होने से रोका गया अध्यापकेा  को ....


गुना में धरना प्रदर्षन के लिए आ रहे अध्यापको को दोनो छोर से कतिपय संगठनो के पदाधिकारियों ने लौटाने की कोषिष भी की। अध्यापको से कहा गया कि यह आन्दोलन अपने संगठन का नही है शामिल ना होने के लिए दबाव भी बनाया गया । नतिजा यह हुआ की उस समय कुछ अध्यापक वापस अपने घर को लौट गए तो कुछ ही देर बाद पुनः धरना स्थल पर बैठे दिखाई दिये। एसे में रोकने वाले कतिपय नेता खुद ही नदारद हो गए।

योजनाबद्व तरीको से संचालित हो रहा है आन्दोलन

तकनीकी रूप से अध्यापक कोर कमेटी ने इसे बेहद सुचारू रूप से संचालित किया है। ज्ञापन से लेकर बैनर और प्रारूप का फार्मेट तक फिक्स किया हुआ है। अध्यापक कोर कमेटी ने अपनी साईटस पर ये सब पहले से अपलोड किया हुआ है और अध्यापको को निर्देष दिये गए है कि प्रांतिय कमेटी द्वारा तय बिन्दुओं पर ही ज्ञापन दिया जाएगा। अध्यापक कोर कमेटी ने अपनी साईट पर बकायदा अध्यापको से संवाद कायम करने एवं हर प्रकार के सहयोग के लिए एक्सपर्ट नियुक्त किये है वो निरन्तर अध्यापको के संषय और समस्याओ पर चर्चा कर उन्हे जोड़ रहे है।

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