जबलपुर। हाईकोर्ट ने नौकर के साथ अप्राकृतिक कृत्य के आरोपी पूर्व वित्त मंत्री राघवजी की जमानत अर्जी पर शीघ्र सुनवाई किए जाने की राहत देने से इंकार कर दिया। इसके साथ ही व्यवस्था दी कि जमानत अर्जी पर पूर्व निर्धारित तिथि 12 अगस्त को ही सुनवाई की जाएगी।
बुधवार को जस्टिस तरण कुमार कौशल की सिंगल बेंच के समक्ष जमानत अर्जीकर्ता राघवजी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त ख़डे हुए। उन्होंने अलग से अंतरिम आवेदन प्रस्तुत किया। साथ ही निवेदन किया कि राघवजी का स्वास्थ्य बेहद खराब है। उनका प्रास्टेट बढ़ गया है। लिहाजा, जमानत अर्जी पर अपेक्षाकृत शीघ्र सुनवाई की राहत दी जाए।
बहस के दौरान आपत्तिकर्ता पीड़ित पक्ष राजकुमार दांगी व घनश्याम कुशवाहा की ओर से अधिवक्ता राशिद सुहैल सिद्दीकी, जयंती नीखरा व अनूपसिंह बघेल ने अंतरिम आवेदन में की गई मांग का विरोध किया। उनका तर्क था कि राघवजी हों या अन्य कोई आरोपी जमानत अर्जी पर सुनवाई निर्धारित क्रम में तिथि आने पर ही होनी चाहिए। इसके अलावा चूंकि आरोपी रसूखदार और राजनीतिक प्रभाव रखता है अत: जमानत की सूरत में साक्ष्यों को प्रभावित किये जाने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। लिहाजा, जमानत अर्जी पर शीघ्र सुनवाई न की जाए।