6600 अतिथि शिक्षकों के सहारे चल रहे हैं दमोह के सरकारी स्कूल

भोपाल। सरकारी स्कूलों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली रहने से शैक्षणिक कार्य अतिथि शिक्षकों से कराया जा रहा है। ऐसा स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया का दूसरा चरण शुरू करने की अनुमति नहीं मिलने के चलते हो रहा है। जिले में 6600 अतिथि शिक्षक सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।

वहीं जिन स्थानों पर अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं। वहां शासन की पे-माइनस पेंशन स्कीम के तहत इनको हटाकर रिटायर शिक्षकों को रखा जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों में संविदा शिक्षकों की भर्ती का पहला चरण पूरा होने के बावजूद अभी भी प्रदेशभर में शिक्षकों के लगभग 32 हजार पद खाली पड़े हैं। स्कूलों में विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए शैक्षणिक सत्र में अतिथि शिक्षकों को रखा जा रहा है।

हमारी योग्यता भी कम नहीं : इस संबंध में अतिथि शिक्षक सुमन तिवारी, लता अवस्थी, विनोद वाजपेयी, अरुण ठाकुर ने बताया कि हम स्कूलों में सेवाएं देते तीन साल हो गए हैं। हमारे पास भी अन्य शिक्षकों की तरह बीएड, डीएड आदि अन्य उच्च योग्यताएं हैं। फिर भी हमें संविदा शिक्षकों से भी आधा मानदेय दिया जा रहा है। कुछ अतिथि शिक्षकों ने बताया कि स्कूलों में रेगुलर शिक्षक आने पर अन्य काम भी हम लोगों को सौंप दिया जाता है। अतिथि शिक्षकों को प्राइमरी में १00 रुपए और मिडिल स्कूल के लिए 150 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय दिया जाता है। वहीं नियमित शिक्षकों को २५ से ३० हजार रुपए तक वेतन मिलता है।

अतिथि शिक्षकों की मांगें

अतिथि शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रीतेश अग्रवाल ने बताया कि अनुदेशक, औपचारिकेत्तर के तहत अपनाए गए मापदंडों के आधार पर अतिथि शिक्षकों की अलग से परीक्षा आयोजित की जाए। जो भी अतिथि शिक्षक वर्ष २००५-०८-११ की व्यापमं परीक्षा में उत्तीर्ण हैंं। उन्हें बोनस अंक देकर संविदा शिक्षक बनाया जाए।

क्या है पे-माइनस पेंशन स्कीम

शासन की पे-माइनस पेंशन स्कीम के तहत ऐसे सेवा निवृत्त शिक्षक जिनकी आयु ६२ से ७० वर्ष के बीच है। वह स्कूलों में फिर से अपनी सेवाएं दे सकते हैं। जिन स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। उनमें सेवानिवृत्त शिक्षक एक शैक्षणिक सत्र के लिए रखे जाते हैं। यदि स्कूलों में अतिथि शिक्षक पदस्थ भी हैं और सेवानिवृत्त शिक्षक पढ़ाने के लिए आवेदन करता है तो वहां पर अतिथि शिक्षक को हटाकर इनकी सेवाएं ली जाती हैं। इस संबंध में डीईओ एसके नेमा ने बताया कि चूंकि सेवानिवृत्त शिक्षकों को पढ़ाने का अनुभव होता है। इसलिए स्कूलों में इन्हें प्राथमिकता के आधार पर रखा जाता है। इस समय जिले में लगभग २५ सेवानिवृत्त शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हालांकि जिले में करीब छह हजार से अधिक अतिथि शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

भोपाल में 2 को धरना देंगे

अतिथि संघ के जिलाध्यक्ष रीतेश अग्रवाल ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर प्रदेश के सभी अतिथि शिक्षक 2 सितंबर को भोपाल के शाहजहानी पार्क में धरना देंगे। इसी दिन केबिनेट की बैठक में अतिथि शिक्षकों के संबंध में फैसला लिया जाना है


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