मंदसौर। कुदरत ने इंसान को जो सबसे हसीन तोहफा दिया वह है क्रिएटिविटी। इसका सही इस्तेमाल लबों पर खुशी लाता है तो कुछ बेहतर कर दुनिया को नया रास्ता भी दिखाता है। अब मंदसौर की क्रिएटिविटी अमेरिका के कला जगत को नया रास्ता दिखाएगी। जी हां, मंदसौर के आर्टिस्ट वाजिद खान ने कुछ ऐसा ही कमाल किया है।
नेल आर्ट से मशहूर हुए वाजिद ने
गोल्डन बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड बनाने के बाद नई क्रिएटिविटी के तौर पर पेश
किया है चंपा को...। दरअसल चंपा एक घोडी का नाम है जिसे वाजिद ने बुलेट के
पार्ट्स से बनाया है। बुलेट के अलावा इसमें मर्सिडीज, बीएमडब्लूय जैसी
महंगी कारों के पार्ट्स भी जोड़े गए हैं। करीब पांच लाख रु. में तैयार की गई
घोड़ी की इस आकृति को बनाने में वाजिद को आठ महीने से अधिक वक्त लगा। घोड़ी
के साथ एक जॉकी यानी घुड़सवार को भी जोशीले अंदाज में दिखाया गया है।
ऐसे हुआ तैयार
इस
कलाकृति को बनाने के लिए एक पूरी बुलेट के हर पुर्जे को अलगदृअलग किया गया
था। वहीं कई दुकानों पर भटककर कलाकार ने पुर्जे जुटाए। इसके बाद पुर्जों
को एक सफेद दीवार पर नट बोल्ट से कसना शुरू किया गया। कलाकार ने सभी
पुर्जों को एकदृएक कर इतनी बखूबी कसा कि चंद महीनों में चंपा यानी घोड़ी ने
आकार ले लिया। जॉकी और घोड़े के फास्ट मूवमेंट को दिखाना बड़ी चुनौती था।
इसके लिए पहले आटो पार्ट्स को ब्लैककोटेड किया गया, इसके बाद सफेद दीवार का
ही इस्तेमाल इतनी खूबसूरती के साथ किया गया कि कलाकृति में से जिंदगी के
रंग निकल आए यानी घोड़ी और जॉकी की भावभंगिमाएं और एक्शन भी साफदृसाफ नजर
आने लगा।
इस
कलाकृति को बनाने के लिए फिलहाल बायपास स्थित एक बंगले की दीवार का
इस्तेमाल किया गया है। जल्द ही इसे अमेरिका पहुंचाया जाएगा। जहां पहले इसकी
प्रदर्शनी लगाई जाएगी और फिर बिक्री होगी।
आर्टिस्ट के बारे में
आर्टिस्ट
वाजिद खान मंदसौर जिले के सोनगरी के रहने वाले हैं। इससे पहले नेल आर्ट
यानी कीलों के जरिए तस्वीरे बनाने के बाद मशहूर हुए थे। थ्रीडी पेंटिंग के
अलावा उन्होंने दुनिया की सबसे छोटी आयरन प्रेस भी बनाई थी।
वाजिद के बारे में ज्यादा जानने के लिए यहां क्लिक करके उनकी बेवसाइट देखिए, लेकिन उससे पहले अपने मोबाइल में डायल कर लीजिए 9977335577 अब इतनी मेहनत करने वाले को Awesome बोलना तो बनता है ना।