भोपाल। प्रदेश में तैनात एमबीबीएस डॉक्टर भी अब मेडिको लीगल से जुड़े मामले में एक्स-रे रिपोर्ट तैयार कर सकेंगे। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के संचालक केके ठस्सू ने दी। स्वास्थ्य संचालक ने बताया कि अभी तक मेडिको लीगल (एमएलसी) के मामलों में एक्स-रे रिपोर्ट रेडियालॉजिस्ट को ही तैयार करनी पड़ती थी।
रेडियोलॉजिस्ट की संख्या प्रदेश में कम होने के कारण और अस्पतालों में मामले की भरमार होने के कारण उन पर काम का ज्यादा दबाव बना रहता था। उन्होंने बताया कि एमएलसी मामलों में अधिकतर रिपोर्ट या तो नॉर्मल होती हैं या फिर ज्यादा गंभीर नहीं होती हैं। इस कारण कई अन्य लंबित मामलों के कारण गंभीर मामालों की रिपोर्ट तैयार करने में ज्यादा वक्त लग जाता था।
अब इस समस्या से निजात पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नया आदेश जारी कर दिया है। संचालक ने बताया कि नए आदेश में अब एमबीबीएस डॉक्टर एमएलसी केसों को देखेंगे। उनकी एक्स-रे ले रिपोर्ट तैयार करेंगे। अगर मामला गंभीर हो तभी उसे रेडियोलॉजिस्ट के पास रेफर करेंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
गलत रिपोर्ट पर कार्रवाई
स्वास्थ्य संचालक केके ठस्सू ने बताया कि एमबीबीएस डॉक्टरों द्वारा रेडियोलॉजिस्ट को रेफर किए गए मामले अगर गंभीर नहीं पाए गए, तो ऐसी स्थिति में विभाग वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।
फिर टली नियुक्ति
प्रदेश के अस्पताल लंबे समय से रेडियोलॉजिस्ट की कमी से जूझ रहे थे। सूत्रों के मुताबिक गत माह पूर्व स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा प्रदेश में रेडियालॉजिस्ट की जल्द नियुक्ति प्रक्रिया शुरू किए जाने की जानकारी भी दी गई थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा लागू की गई इस व्यवस्था से नियुक्ति का मामला ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है। हालांकि अब यह नई व्यवस्था एमबीबीएस डॉक्टरों के गले की हड्डी बनती नजर आ रही है।