शिवजी के कलश में समा गई आकाश से मौत बनकर गिरी बिजली

योगेश सोनी/रहली/सागर। कथाओं में सुना था कि जब माता गंगा जनकल्याण के लिए धरती की ओर चलीं तो लोगों की जान बचाने के लिए शिवजी ने उन्हें अपनी जटाओं में धारण कर लिया। रहली में हूबहू ऐसा ही देखने को मिला। माता के सिद्वपीठ रानगिर मंदिर जिसमें सैंकड़ों ग्रामीण मौजूद थे, पर अचानक आकाश से बिजली आकर गिरी मंदिर से टकराई लेकिन पास बने शिवमंदिर के कलश में जाकर लुप्त हो गई। सैंकड़ों जानें बच गईं।

समय था दोपहर लगभग दो बजे का आसमान में जोरदार गडगडाहट की गूंज ओर तेज रोशनी जेसे भक्तों के उपर चली ही आ रही थी सबकी सांसे रुक गर्इ्ं अब क्या होगा पर माता की शरण में आने के बाद कोर्इ् भी विपदा भला कया कर सकती है हजारों लोगों के उपर से वह आकाशीय बिजली माता के मंदिर से टकराती हुई तिरछी होकर भोले बाबा के मंदिर के कलश पर गिरी ओर गायब हो गयी इस सारे घटना क्रम में मंदिर के गुंबट का हिस्सा जरुर क्षतिग्रस्त हुआ पर किसी को आंच भी नही आई।

मंगलवार को सिद्वपीठ रानगिर के मंदिर पर गाज गिरने से गुंबद का प्लास्टर गिर गया तथा बाजू में बनी शिवजी के मंदिर के छत पर बनी मडिया भी ध्वस्त हो गयी लेकिन बडा हादसा होते होते बचा जबकि मंदिर प्रांगण में विवाह की आखिरि भंवर होने से विवाह इत्यादि संपन्न हो रहे थे।

प्रत्यादर्शियों के अनुसार दोपहर दो बजे के लगभग तेज गडगडाहट के साथ मंदिर प्रांगण में तेज रोशनी हुई आंखें से दिखाई देना बंद हो गया था बस कानों में आवाज गूंज रही थी। देवरी से दर्शन करने पहुचे पं चंद्रभान शास्त्री ने बताया कि माता की कृपा से बहुत बडी अनहोने होते होते बची। मंदिर के प्रांगण में  हजारों  भक्त जन ओर विवाह आदि में शामिल होने आये लोग थे पर किसी को तनिक भी नुकसान नही हुआ।

प्रत्यादर्शी पं राजेष शास्त्री ने बताया कि अचानक गडगडाहट के बाद एक रौशनी चक्र की तरहा घूमती हुई मंदिर के कलश पर गिरि पांच मिनिट तक तो एैसा लगा जैसे दानामेंट की मशीन चल रही हो ओर आंखों से दिखाई देना बंद हो गया केवल कानों में गूंज सुनाइ्र दे रही थी। तेज रोशनी पहले माता के मंदिर के कलश पर गिरी ओर तिरछी होते हुये बगल में बने शिव मंदिर के कलश पर गिरी उसके बाद गायब हो गयी।

मंदिर पुजारी पं कामता दुबे के अनुसार बहुत जोरों की बिजली गिरी मेरा पूरा शरीर सुन्न हो गया बिजली अंदर की तरफ आती दिखी ओर लोग चिल्लाये पंडित जी बाहर आ जाओं बिजली गिरी है। मंदिर कलश पर गाज गिरने से दक्षिण पश्चिम के कंगूरा का प्लास्टर उखड कर जमीन पर गिरा और छत पर दरार आ गयी वही शिव मंदिर के ईशान कोंण की मडिया टूट गयीं। मंदिर पुजारी घटना की सूचना मिलते ही रहली तहसीलदार कुलदीप पाराशर भी मौके पर पहुचे और घटना क्रम की जानकारी ली।
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