राजकुमार के डैथ वारंट पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने एक नाबालिग लडकी के साथ बलात्कार के बाद उसकी हत्या करने के मामले मे मध्यप्रदेश के एक अपराधी को जारी .मौत के वारंट. पर अगले आदेश तक आज रोक लगा दी।

मुख्य न्यायाधीश पी सदाशिवम और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की खंडपीठ ने राजकुमार नामक अपराधी की ओर से मामले का विशेष उल्लेख किये जाने के बाद फांसी की सजा पर अगले आदेश तक रोक लगा दी तथा मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।

निचली अदालत के मृत्युदंड के फैसले पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की मुहर के बाद राजकुमार को कल फांसी दी जानी थी. लेकिन उसकी ओर से आज शीर्षस्थ अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए मामले की मेन्शनिंग की गई। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने फांसी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी।

बत्तीस वर्षीय राजकुमार पर 26 दिसम्बर 2012 को एक 14 वर्षीय लडकी के साथ बलात्कार करने और उसके बाद उसकी गला दबाकर हत्या करने का आरोप था। यह वारदात उस समय हुई थी. जब बच्ची के माता.पिता घर पर नहीं थे। निचली अदालत ने इस वर्ष पांच फरवरी को मृत्युदंड दिया था. जिसे उच्च न्यायालय ने 27 जून को बरकरार रखा था।

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