राकेश दुबे@प्रतिदिन। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बारे में यह राय विरोधियों की नहीं उनके साथियों की ही है | प्रसंग उनकी जन आशीर्वाद यात्रा का है | प्रदेश की धार्मिक स्थली उज्जैन में भारी वर्षा में यात्रा तो शुरू हुई पर सबकी जुबान पर एक ही सवाल था |
पोस्टर, बैनर और विज्ञापन से नरेंद्र मोदी क्यों गायब है? भाजपा में कई सवालों के जवाब मांगने पर नहीं मिलते और कुछ बगैर पूछे ही मिल जाते हैं | जैसे इस बात का कोई अधिकृत जवाब नहीं दे रहा है कि मोदी गायब क्यों है ?
इसके विपरीत निजी बातचीत में कई कोने से यह बात निकल कर रही है की आडवाणी द्वारा तुलना करने पर शिवराज ने नरेंद्र मोदी को अपने से काफी आगे होने की बात स्वीकारी थी, परन्तु उन्होंने इसे मन से नहीं माना था | उनके कहने और करने से दुखी रहे प्रभात झा अब उनके सारथी हैं | पोखरण विस्फोट के उदाहरण की तरह नरेन्द्र मोदी के चित्र को नदारद करने के कयास भी भाजपा में लगाये जा रहे हैं |
भाजपा के प्रादेशिक मुख्यालय में एक और चर्चा जोरों पर है की इस यात्रा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का क्या काम है ? न तो प्रदेश उनके प्रभार में है और न ही मध्यप्रदेश से उनका लेना-देना है | मध्यप्रदेश से लेना और देना रखने वाली उमा भारती से क्यों परहेज बरता गया है | भाजपा के सर्वेयर बता चुके हैं कि बुन्देलखण्ड में भाजपा की दाल पतली है | इन सारे उदाहरणों से यही लगता है की शिवराज कहते कुछ है और करते कुछ हैं |
लेखक श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात स्तंभकार हैं।
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