भोपाल। मध्यप्रदेश के मॉडल स्कूलों के हालातों पर इन दिनों विचार विमर्श चल रहा है। सवाल उठाया गया है कि जिन मॉडल स्कूलों में स्टूडेंट्स की भर्ती व्यापम द्वारा प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होती है, वहां पढ़ाने के लिए अप्रशिक्षित टीचर्स को नियुक्त क्यों किया गया हैं।
भोपालसमाचार.कॉम के समाचार मित्र अशोक वाजपेयी ने बताया है कि इस समस्या का समाधान पूर्व से ही मौजूद है, परंतु पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। मॉडल स्कूल्स में योग्य अध्यापकों को प्रतिनियुक्ति पर भेजने के निर्देश पहले से ही मौजूद हैं परंतु शायद रिश्वत की प्रत्याशा में वरिष्ठ अधिकारियों ने अभी तक मॉडल स्कूल्स तक में शत प्रतिशत प्रतिनियुक्ति नहीं की हैं।
शासन द्वारा जारी पत्र क्रं ऍफ़1/20 दिनांक26/12/2011 के अनुसार अध्यापकों की प्रतिनियुक्ति सम्बन्धी दिशा निर्देश में स्पष्ट है की अध्यापकों को दो साल तक मॉडल, उत्कृष्ट, राज्य शिक्षा केंद्र, राष्ट्रीय शिक्षा मिशन, में प्रतिनुक्ति दी जा सकती है, परन्तु अधिकारिओ की अनदेखी के चलते यह नियम का पालन नहीं हो पा रहा है। अतः बच्चों के हित में अधिकारियों को इस तरह के कार्यो को प्राथमिकता से करना चाहिए ताकि विद्यार्थियो का भविष्य उज्जवल बन सके और मॉडल स्कूलों के गठन का लक्ष्य प्राप्त किया जा सके।