जोखिम में जान: नाव में नादान स्कूल चले, तीन महीने के लिए टापू बन गए दो गांव

इछावर। सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के दो गांव टापू बन गए हैं। इन गावों के बच्चों को नाव में बैठकर स्कूल जाना पड़ता है और गर्भवती महिलाओं को भी नाव में ही अस्पताल ले जाया जा रहा है।

तहसील मुख्यालय इछावर से 12 किलोमीटर दूर ग्राम कालापीपल स्थित है यहां दो साल पहले शासन ने जिस तालाब का निर्माण कराया था आज वो ही दो गांव के ग्रामीणों के लिए परेशानी का कारण बन गया है ग्राम आमलानोआबाद और सैंघोखेडी का सड़क सम्पर्क अगले तीन माह के लिए मुख्यालय से टूट गया है।

इन दोनो गांव वालों को गांव से बाहर निकलने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है तालाब किनारे दो निजि नाव है जो ग्रामीण को दस रूपए लेकर आर पार लगा रही है सबसे बड़ी बात यह है कि इन दोनो गांवो में प्रायमरी स्कूल के बाद शिक्षा गृहण करने के लिए बच्चों को कालापीपल जाना होता है। यह स्कूली बच्चे प्रतिदिन भगवान भरोसे अपनी नैया पार कर रहे है बच्चों को आने जाने का किराया दस रूपए प्रतिदिन भुगतना पड़ रहा है।

खास बात यह है कि शासन की 108 (वन जीरो ऐट) एंव जननी एक्सपे्रस की भी कोई सुविधा ग्रामीणों को नही मिल पा रही है जान जोखिम में डाल कर गर्भवती महिलाएं अस्पताल ले जाई जा रहीं हैं और लोग नाव में जैसे तैसे सफर कर रहे है।

ग्रामीण ओमप्रकाश वर्मा भूपेन्द्र ठाकुर मनोज आदि का कहना है कि तालाब के साथ साथ ओवर ब्रिज बनना चाहिए था जिसकी अनदेखी शासन ने की है। इस अनदेखी का दुष्परिणाम दोनों गांव के सैकडो लोग रोजाना भुगत रहे है क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के आला अफसरों को भी उक्त समस्या से अवगत कराया जा चुका है लेकिन अब तक कोई नतीजा नही निकला।

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