आभिषेक कांत पाण्डेय/भोपाल। संविदाशाला शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में है। लेकिन इसे लेकर अभी भी विवाद बना हुआ है। हजारों अभ्यर्थियों को स्नातक व इंटर में 50 प्रतिशत अंकों की बाध्यता के कारण उन्हें शिक्षक बनने की दौड़ से बाहर कर दिया गया जिसे लेकर अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई।
वहीं इस मामले में संविदाशाला भर्ती वर्ग 3 में जबलपुर न्यायालय ने अपने एक फैसले में 50 प्रतिशत की बाध्यता को समाप्त कर भर्ती करने का आदेश दिया। वहीं इस आदेश के अमल के लिए भोपाल में अभ्यर्थियों ने शिक्षा अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया लेकिन आश्वासन के सिवाए इन अभ्यर्थियों को कुछ हासिल नहीं हो रहा है। संविदा शाला शिक्षक बनने के लिए व्यापम की परीक्षा पास ऐसे हजारों बेरोजगार हैं जिन्होंने बीएड व डीएड की डिग्री एनसीटीई के नियमानुसार प्राप्त किया है लेकिन मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इंटर व स्नाताक में 50 प्रतिशत अंकों से उतीर्ण होने के नियम लागू कर देने से ऐसे अभ्यर्थी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है।
इनका कहना है कि जब हमने बीएड व डीएड प्रशिक्षण स्नातक व इंटर में 50 प्रतिशत कम अंक एनसीटीइ के नियमानुसार किया है तो हमें संविदाशाला शिक्षक भर्ती वर्ग दो व तीन में क्यों नहीं शामिल किया जा रहा है। वहीं संविदा शाला भर्ती वर्ग दो व तीन के लिए कागजी त्रृटि वाले अभ्यर्थियों को प्रमाणपत्रों की जांच के लिए बुलाया जा रहा जबकी 50 प्रतिशत से कम इंटर व स्नातक में अंक वाले अभ्यर्थियों को बुलाने का स्पष्ट आदेश अभी तक नहीं
आया है।
वहीं ऐसे अभ्यर्थी जिनका स्नातक व इंटर में 50 से कम अंक है उन्हें प्रथम प्रमाणपत्र जांच में अयोग्य ठहरा दिया गया था और काउंसिलिंग प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया और उनका नाम त्रुटि सुधार में नहीं डाला गया था ऐसे अभ्यथी संशय में है कि 15 जुलाई से 17 जुलाई तक चलने वाली त्रुटि सुधार में नाम वाले अभ्यर्थी की प्रमाणपत्र जांच के लिए बुलाया गया जिनमे वे शामिल है जिनका स्नातक व इंटर में 50 प्रतिशत से कम अंक था और अधिकारियों को स्पष्ट न मालूम होने के कारण वे पुराने नियम को देखकर शामिल किया गया लेकिन जब अधिकारियों पता चला तो उन्हें त्रुटि मे शामिल कर उन्हें आपात्र कर दिया लेकिन इनका नाम त्रुटि सुधार लिस्ट में है लेकिन इसके बाद आने वाले स्नातक व इंटर में 50 प्रतिशत से कम वाले अभ्यर्थी को नये नियमों का हवाला देकर उनकी प्रमाणपत्र जांच में आपात्र कद दिया और ऐसे अभ्यर्थियों का नाम त्रुटि सुधार में भी नहीं आया।
जबकी 50 जुलाई से सुधार त्रुटि वाले अभ्यर्थियों को बुलाया गया है तो इन अभ्यर्थियों को सवाल यह है 50 प्रतिशत से कम अंक वाले अभ्यर्थी जिनका नाम सुधार त्रुटि में इसलिए नहीं है कि उन्हें प्रथम काउसिलिंग में नये नियम स्नातक व इटर में 50 प्रतिशत की बाध्यता के चलते प्रमाण पत्र जांच केंद्र से लौटा दिया गया और उनका नाम सुधार त्रुटि में नहीं है। इन अभ्यर्थियों का क्या होगा यह स्पष्ट नहीं होने के कारण से ऐसे बेरोजगार परेशान है। और इनकी सुनने वाला काई नहीं है।