राज्य शासन ने शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालयों में कार्यरत 39 व्याख्याता को नियमित करने और 9 व्याख्याता/रीडर का संविलियन कर उनके युक्ति-युक्तकरण के आदेश जारी किये हैं।
शासन के इस निर्णय से आयुष राज्य मंत्री श्री महेन्द्र हार्डिया ने कहा कि लम्बे समय से संविदा पर कार्यरत इन व्याख्याताओं को नियमित नियुक्ति मिल गई है। साथ ही संविलियन और युक्ति-युक्तकरण के फलस्वरूप जिन महाविद्यालयों में किसी विषय के व्याख्याता नहीं हैं, वहाँ उनकी व्यवस्था हो सकेगी। श्री हार्डिया ने कहा कि इसके साथ ही संविदा शिक्षकों की लम्बित माँग पूरी हो गई है।
श्री हार्डिया ने बताया कि संविदा शिक्षकों के नियमितीकरण से शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों में शिक्षकों की पर्याप्त संख्या होने से भारतीय चिकित्सा केन्द्रीय परिषद के मानक अनुसार शिक्षकों का अभाव समाप्त होगा और महाविद्यालयों की मान्यता की अनिश्चितता की स्थिति समाप्त हो जायेगी।