भोपाल। आमजन को दुर्घटना, अपराध एवं अन्य आपत्ति काल में त्वरित पुलिस सहायता उपलब्ध करवाने 108 एम्बुलेंस सेवा की तरह पुलिस कंट्रोल-रूम बनाया जाएगा। इसका नम्बर 100 होगा। इसे पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जिले में प्रारंभ किया जाएगा। गृह मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने इस संबंध में मंगलवार को अधिकारियों से चर्चा की।
गृह मंत्री ने कहा कि हैदराबाद भ्रमण के दौरान प्राप्त तथ्यों के आधार पर पूरे प्रदेश के लिए प्रोजेक्ट बनाने के साथ ही सीमित संसाधनों के मद्देनजर इसे पहले चार बड़े शहर में लागू किया जाय। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दूरसंचार श्री अन्वेष मंगलम और अन्य अधिकारियों ने हैदराबाद भ्रमण के दौरान वहाँ 108 एम्बुलेंस सेवा के साथ जुड़कर पुलिस द्वारा की जा रही त्वरित कार्रवाई की जानकारी दी। गौरतलब है कि गृह मंत्री के निर्देश पर श्री मंगलम के नेतृत्व में पाँच पुलिस अधिकारी की टीम ने हैदराबाद भ्रमण कर व्यवस्था के तकनीकी एवं अन्य पहलु के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है।
बैठक में श्री मंगलम ने बताया कि चार जिलों में इसे लागू करने पर लगभग 60 अतिरक्त वाहन की आवश्यकता होगी। वाहनों में जी.पी.एस. भी लगवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाद में इसी के साथ 101 फायर सेवा और 1090 महिला शिकायत सेल को भी जोड़ दिया जाएगा। सेंट्रल कंट्रोल-रूम भोपाल में बनाया जाएगा।
केन्द्रीय कंट्रोल-रूम को चलाने के लिए पुलिस दूरसंचार का स्टाफ प्रशिक्षित कर लगाया जाएगा। इनकी मदद के लिए जी.वी.के.ई.एम.आर.आई द्वारा सिविल स्टाफ भी रखा जायेगा। मुख्यतया सिविल स्टाफ ही कॉल रिसीव करेगा और 1-2 सेकेण्ड में ही पुलिस कार्यवाही वाले कॉल पुलिस आपरेटर को ट्रांसफर कर देगा। महिला कॉलर के कॉल महिला आपरेटर ही सुनेंगी।
श्री मंगलम ने बताया कि बेव पोर्टल एवं एस.एम.एस. आधारित सूचना प्रकरण तंत्र विकसित हो जाने से बीट प्रभारी से लेकर महानिदेशक तक सभी को पूरे प्रदेश की महत्वपूर्ण घटनाओं की जानकारी सही समय में उपलब्ध होगी। बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री नंदन दुबे एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।