भोपाल। सरकार की और से पहली बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अध्यापकों को झाबुआ के में आयोजित अटल ज्योति कार्यक्रम के मंच से समान वेतन दिये जाने की घोषणा कर दी है।
भोपालसमाचार.कॉम को मिली जानकारी के अनुसार सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के अध्यापकों के लिए सरकार ने फैसला ले लिया है। उन्हे समान काम के बदले समान वेतन दिये जाने की तैयारी है, लेकिन किश्तों में समान वेतन दिया जाएगा एवं आदेश 22 जुलाई गुरूपूर्णिमा के अवसर पर जारी होंगे। इधर इस खबर के बाद से अध्यापको में राहत है कि सरकार की और से शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार सार्वजनिक मंच से यह बडी घोषणा तो की। अध्यापक कोर कमेटी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस वक्तव्य पर प्रतिक्रिया देते हुए हुए कहा कि मुख्यमंत्री का बयान स्वागत योग्य है।
कमेटी की और से बयान जारी किया गया है कि यह समय घोषणाओं का नही है अब तो आदेश जारी होने चाहिए। इस बारे मे प्रदेश की अध्यापको के हित में सक्रिय अध्यापक कोर कमेटी ने अपने प्रान्तिय सदस्यों की अपात बैठक बुलाई है। इसमें सरकार को शीघ्र आदेश जारी करने एवं किश्तों में वेतन दिये जाने की मजबूरी पर सरकार का रूख जानने के लिए चर्चा की जाएगी।
ज्ञात हो कि अध्यापक कोर कमेटी से जुड कर प्रदेश के अध्यापक निरंतर अपना विरोध दर्ज करवा रहे है। विगत दिनो भोपाल के यादगार ए शाहजनी पार्क में धरने के बाद से ही सरकार के पास अध्यापको के गुरूपूर्णिमा के बाद भोपाल में जुटने के समाचार पहुंच रहे थे। बहरहाल सरकार के पहली बार आए बयान को अध्यापको ने बहुत ज्यादा गम्भीरता से नही लिया है यह तो स्पष्ट है। सोशल साईट पर मिल रही प्रतिक्रियाओं से अध्यापको ने साफ कर दिया है कि आदेश जारी होने के बाद ही शिवराज सरकार के पक्ष में जयकारे होंगे।
भोपालसमाचार.कॉम ने अध्यापक कोर कमेटी से सवाल किया की यदि सरकार समान कार्य समान वेतन के आदेश प्रसारित कर देती है तो इसके पीछे श्रेय किसका होगा । प्रतिउत्तर में कमेटी ने कहा कि निसंन्देह श्रेय सरकार को ही होगा। हमारा काम तो संघर्ष करना है अंतिम निर्णय सरकार का ही होता है। हमें वेतन और सरकारी लाभ से मतलब है हम श्रेय के लिए नही लड़ रहे।