सीहोर हॉस्टल में नाबालिेग लड़कियों का शारीरिक शोषण: हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

भोपाल। सीहोर के एक सरकारी होस्टल में लड़कियों के साथ हुए शोषण के मामले में हाई कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए यह फैसला लिया।

सीहोर के इस होस्टल में 5 से 14 साल की उम्र की लड़कियां थीं। इन लड़कियों में कुछ विकलांग भी थीं। इन्हें बेहद खराब ढंग से रखा गया था और इनका शारिरिक शोषण भी किया जा रहा था। निवेदक का कहना है कि इस मामले पर लगातार शिकायतों के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस मामले में अभी भी आरोपी बिना किसी सजा के आजाद घूम रहे हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक निवेदक ने बताया कि मैनेजमेंट ने इन बच्चियों को बेहद अमानवीय हालत में रखा हुआ था। इन बच्चियों को सजा के तौर पर लड़कों के हॉस्टल में भेज दिया जाता था जो एक ही संस्था के अंर्तगत है।

इस मामले का खुलासा तब हुआ था जब शिकायत के बाद जनवरी में राज्य की चाइल्ड राइट कमीशन ने इस हॉस्टल पर छापा मार। जब बच्चियों से बात की तो उन्होंने यह बताया कि यहां के अधिकारी इस तरह के सारे अपराधों में संलिप्त थे।

जनहित याचिका के अलावा निवेदक ने पीड़ित लड़कियों की शिकायतें और बातचीत रिकॉर्ड की हुई हैं। इस बातचीत यह बताया हुआ है कि लड़कियों को लड़कों के रूम में भेज कर अश्लील बातें और कृत्य के लिए मजबूर करते थे। 


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