भोपाल। पिछले दिनों एकता का संदेश देने भोपाल आए कांग्रेस के तमाम दिग्गज प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया को कच्चे सूत पर खड़ा कर गए, खतरा हर कदम पर है और यदि चूके तो मरें या ना मरें घायल होना तो तय ही है। अब पार निकलना भूरिया के लिए चुनौती है।
कांग्रेस की नवगठित कार्यकारिणी के उपाध्यक्षों और महामंत्रियों के बीच काम बांटने का जिम्मा बडे़ नेताओं ने प्रदेशाध्यक्ष भूरिया पर छोड़ दिया है, लेकिन उन्हें अपनी पसंद से भी अवगत करा दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस कार्यकारिणी में संगठन, प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों के अलावा चुनाव प्रबंधन और समन्वय का जिम्मा सौंपने को लेकर भूरिया काफी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं।
सूत्र बताते हैं कि भूरिया संगठन महामंत्री का काम रवि जोशी के पास ही रखना चाहते हैं। जबकि प्रशासन का जिम्मा वे शांतिलाल पडियार को देने के इच्छुक हैं। इसके लिए बड़े नेताओं की सहमति बनाने के प्रयास भी उन्होंने किए हैं। मीडिया सेल में भी दस प्रवक्ताओं में से किसी को प्रभारी बनाने का दबाव है। इसमें मुकेश नायक वरिष्ठता के आधार पर दावेदार हैं, लेकिन अन्य बडे़ नेता इस पर सहमत होंगे, इसमें संदेह है।
दूसरी ओर कमलनाथ-सिंधिया समर्थकों को भी महत्वपूर्ण दायित्वों से नवाजे जाने की उम्मीद है। वरिष्ठ नेता रामेश्वर नीखरा को समन्वय या चुनाव प्रबंधन से जु़डे दायित्व की दरकार है। हालांकि कार्यकारिणी में शामिल सांसद-विधायकों को किस तरह का काम मिलेगा, इस पर कौतुहल है। क्योंकि कुछ महीनों बाद इन्हें चुनावों में भी व्यस्त होना है।
बताया जाता है कि कमलनाथ समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भूरिया को दो दिन के भीतर ही कार्यविभाजन आदेश निकालने के लिए कहा है। इसके बाद सचिवों और अन्य पदाधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
ज्ञात हो कि कांग्रेस पदाधिकारी पुराने सचिवों आदि के बरकरार रहने की बात कह रहे हैं, लेकिन गत दिवस कार्यकारिणी बैठक में इन्हें शामिल नहीं किया जाना ही साफ संकेत दे रहा है।