मंडला। सागर में पदस्थ अध्यापक सुरेन्द्र दुबे की पत्नि अम्बिका दुबे ने अंतत: इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। उन्हें बचाने के लिए राज्य अध्यापक संघ ने काफी प्रयास किए परंतु वो नाकाफी गुजरे। यदि कोई सरकारी मदद मिल जाती तो शायद यह दुखद क्षण टल जाता।
समाज में शिक्षा की अलख जगाने वाले अध्यापकों को सरकार की अल्पवेतन नीति और सुविधाओं के अभाव का खमियाजा इस तरह भोगना पड़ रहा है कि स्वयं या परिवार के किसी सदस्य को गम्भीर बीमारी हो जाये तो जीपीएफ कटौती, चिकित्सा क्षतिपूर्ति भत्ता आदि के अभाव में इलाज के लिये मामूली रकम भी जुटाने में वह अपने आप को एकदम असहाय महसूस करता है।
मा.शा. सागर में पदस्थ अध्यापक सुरेन्द्र दुबे की पत्नी अम्बिका दुबे इलाज के अभाव में जिन्दगी और मौत से जूझती हुई अन्ततः मौत के मुहॅ में समा गई। विदित हो कि श्रीमती दुबे दिनांक 23/6/2013 की रात्रि में मेडिकल के अस्पताल में अपनी अंतिम सांसे ली। राज्य अध्यापक संघ के डीके सिंगौर, रवीन्द्र चैरसिया, शिवशंकर पाण्डे, देवेन्द्र चैरसिया, सतीश शुक्ला, भागवत सिंगौर, देवेन्द्र कछवाहा, श्रीमती आभा दुबे, सुनील नामदेव, संजीव दुबे आदि ने श्रीमती दुबे के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।