भोपाल। इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए आनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया 27 मई से शुरू हो गई है। दाखिले के लिए करीब 43 हजार विद्यार्थी ही शामिल हुए हैं। वहीं 22 हजार ने च्वाइस लॉक की है।
तकनीकी शिक्षा विभाग के मुताबिक इस बार बीई में रजिस्ट्रेशन होने की रफ्तार कम है, लेकिन काउंसलिंग के अंत तक इन आंकड़ों के बढ़ने की उम्मीद है। रजिस्ट्रेशन और च्वाइस लॉकिंग की स्थिति यही रही तो कॉलेजों की 50 फीसद सीटें खाली रह जाएंगी।
डीटीई के अनुसार इस वर्ष विद्यार्थियों की पहली पसंद मैकेनिकल ब्रांच रही है। वहीं दूसरे नंबर पर सिविल ब्रांच हैं। इस बार सीटें खाली रहने का कारण पिछले वर्षों में विद्यार्थियों को बीई के बाद भी नौकरी न मिलना है। ऐसे में विद्यार्थी इंजीनियरिंग की अपेक्षा अन्य कोर्स को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि कॉलेज, दाखिले के समय अच्छे प्लेसमेंट के दावे तो करते हैं, लेकिन डिग्री पूरी होने पर उन्हें नौकरी नहीं मिल पाती।
वहीं बीई पर होने वाला बड़ा खर्च भी इसका कारण है। सूत्रों के अनुसार बीई में काउंसलिंग विद्यार्थियों की रुचि नहीं होने से कॉलेज संचालक चिंतित है। इसके चलते अधिकांश कॉलेज फीस रेगुलेटिंग कमेटी के सामने इस बार फीस पिछले वर्ष की भांति रखकर, उसमें इजाफा करवाने से परहेज कर रहे हैं।
गौरतलब है कि इस बार पीईटी में एक लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल हुए थे। बावजूद अभी तक इसमें से आधे विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। अधिकारियों की मानें तो पीईटी में कई ऐसे विद्यार्थी भी शामिल होते हैं,जो एआईईई औ जेईई परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं।