आमिर खान/टीकमगढ़। शिक्षा सत्र की शुरूआत हो चुकी है और अब जिले के स्कूल लगने लगे हैं और बच्चों को किताबें वितरित कर उन्हें शिक्षा प्रदान की जा रही है। 17 जून से स्कूल चलों अभियान की शुरूआत हो चुकी है। इस सत्र की शुरूआत होते ही पहले दिन तो बच्चों को ससम्मान तिलक लगाकर स्कूल में बैठाया गया, लेकिन अब कुछ दिन बीतने उपरांत ही स्कूली शिक्षक मासूम छात्राओं के हाथों में झाडू थमा कर उनसे स्कूल की साफ-सफाई करा रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला शिक्षा विभाग आफिस से करीब 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित राजीव गांधी प्राथमिक शिक्षा मिशन जनपद प्राथमिक पाठशाला नई बस्ती अनन्तपुरा में सामने आया है। विगत 24 जून को गांव के लोगों से शिकायत मिलने पर जब पत्रकारों की टीम स्कूल की खोज करने पहुंची, तब यहां टीम को छात्राओं द्वारा साफ-सफाई करता पाया।
जब इस संबंध में टीम ने प्रभारी शिक्षिका अंगूरी अहिरवार से सवाल करते हुए कहा कि आपके स्कूल में छात्राएं झाडू क्यों लगा रही हैं, तो उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया में इसका जबाव देते हुए कहा कि हमारे यहां न तो कोई चपरासी है और न ही किसी प्रकार का बजट अब अगर बच्चियों से झाडू नहीं लगवाएंगे, तो क्या जिला शिक्षा विभाग के आला अधिकारी झाडू लगाने आएंगे।
मजे की बात तो यह है कि मप्र के मुखिया शिवराज सिंह चौहाल भले ही मप्र की शिक्षा को अच्छे स्तर तक पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन इन लापरवाह शिक्षकों की मनमानी के चलते न ही शिक्षा का स्तर सुधरेगा और न ही मप्र के मुखिया का सपना पूरा हो पाएगा, जिन मासूम बच्चों को मां-बाप बड़े लाड़ और प्यार से स्कूल शिक्षा लेने के लिए भेज रहे हैं, लेकिन यहां शिक्षा की जगह उन बच्चों को झाडू लगवाकर घरेलू काम सिखाया जा रहा है।
मैं प्रंसीपल का पति हूं
जब पत्रकारों टीम ने शिक्षिका द्वारा बच्चों से लगवाई जा रही झाडू के बारे में पूछा, तो बगल में संस्था में ही बैठे उनके पति ने टीम से जबाव में कहा कि अन्य स्कूलों में तो जाकर देखो, तो पता चलेगा कि कहां कितनी अच्छी व्यवस्था है। जब शिक्षिका के पति से पूछा गया कि आप का पद क्या है, तो वह बोले कि मैं इनका पति हूं और मेरा हक बनता है कि मैं स्कूल में आकर बैठूं।