पढ़िए मध्यप्रदेश के ग्राम पंचायत सचिवों की नई ट्रांसफर नीति

भोपाल। राज्य शासन ने ग्राम पंचायत सचिवों की नई स्थानांतरण नीति का निर्धारण किया है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा इस आशय का आदेश आज जारी किया गया है। इससे पहले गत वर्ष ग्राम पंचायत सचिवों के जिला संवर्ग का निर्धारण हो चुका है।

अधिकतम 20 फीसदी तक ग्राम पंचायत सचिवों के प्रशासनिक स्थानांतरण 

स्थानांतरण नीति के अनुसार जिले में कार्यरत ग्राम पंचायत सचिवों की संख्या के अधिकतम 20 फीसदी तक ग्राम पंचायत सचिवों के प्रशासनिक स्थानांतरण हर साल 15 जून से 15 जुलाई तक किये जा सकेंगे। जिले के भीतर सभी तरह के स्थानांतरण जिला पंचायत की सामान्य प्रशासन समिति की पूर्ण फोरम की बैठक के अनुमोदन के बाद अधिकतम 10 प्रतिशत तक स्थानांतरण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत द्वारा किये जायेंगे। जिले की निर्धारित संख्या से अधिक 5 प्रतिशत तक प्रशासनिक स्थानांतरण जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों द्वारा जिला प्रभारी मंत्री के अनुमोदन बाद जारी किये जा सकेंगे। स्थानांतरण के बाद 7 दिवस की समय-सीमा में कार्यभार ग्रहण करना होगा। स्वयं की मांग/आवेदन के आधार पर हुए तबादलों के मामलों में यात्रा व्यय एवं कार्यभार ग्रहण अवधि नहीं होगी।

पैतृक ग्राम पंचायत में उनका तबादला नहीं होगा

स्थानांतरण नीति के अनुसार ग्राम पंचायत सचिवों को उनके निवास के आसपास की ग्राम पंचायत अथवा उसकी सीमावर्ती ग्राम पंचायत में स्थानांतरित किया जा सकेगा। लेकिन पैतृक ग्राम पंचायत में उनका तबादला नहीं होगा। आपसी तबादलों के मामलों में दोनों ग्राम पंचायत सचिवों के लिखित आवेदन पर संबंधित जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की अनुशंसा पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ऐसे स्थानांतरण करेंगे। उचित तालमेल की वजह से शासकीय कार्यों में आ रही दिक्कतों के मामलों में ऐसे ग्राम पंचायत सचिवों का तबादला जनपद पंचायत की अनुशंसा पर प्राथमिकता के आधार पर किया जायेगा। शिकायतों के आधार पर हटाये गये ग्राम पंचायत सचिवों को आपसी स्थानांतरण के माध्यम से पूर्व की पद-स्थापना वाली ग्राम पंचायत में कभी भी पुनः पदस्थ नहीं किया जा सकेगा। शिकायतों का समुचित निराकरण होने के बाद ही उन्हें पूर्व कार्य-स्थल पर पदस्थ किया जा सकेगा।

केंसर, हृदय रोग, किडनी जैसी गंभीर बीमारियों के मामलों में सक्षम चिकित्सक के प्रमाण-पत्र के आधार पर अन्य जिलों में रिक्त पद पर ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण किये जा सकेंगे। इसके अलावा 40 प्रतिशत से अधिक शारीरिक निःशक्तता वाले ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण सामान्यतः नहीं किये जायेंगे। लेकिन स्वेच्छा अथवा आपसी सहमति के आधार पर स्थानांतरण संबंधी आवेदन के मामलों में रिक्त पदों के विरूद्ध स्थानांतरण किये जा सकेंगे। विधवा, परित्यक्ता ग्राम पंचायत सचिव को स्थानांतरण में वरीयता दी जायेगी। विवाह बाद उनका स्थानांतरण आवेदन के आधार पर पति-पत्नी के कार्य-स्थल के आसपास की ग्राम पंचायतों में रिक्त पदों पर किया जा सकेगा।

राज्य में नक्सल/दस्यु प्रभावित क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में सचिव पद के स्थानांतरण की वजह से पद को रिक्त नहीं रखा जायेगा। यदि किसी ग्राम पंचायत सचिव के परिजन ग्राम पंचायत सरपंच निर्वाचित होते हैं, तो ऐसे सचिव का स्थानांतरण किसी अन्य ग्राम पंचायत में अनिवार्य रूप से कर दिया जायेगा। ग्राम पंचायत सचिवों के स्थानांतरण अथवा निरस्तीकरण विशिष्ट परिस्थितियों तथा प्रशासकीय हित में विभागीय मंत्री के अनुमोदन से आयुक्त पंचायत राज द्वारा कभी भी किये जा सकेंगे।

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