मध्यप्रदेश चुनाव में पेड न्यूज रोकने के लिए हर संभव कोशिश करेगा चुनाव आयोग

भोपाल। चुनाव के दौरान भारत के निर्वाचन आयोग के लिए एक चुनौती बन चुके पेड न्यूज को हर हाल में रोकने की आयोग हर संभव कोशिश करेगा। मुद्रण, दृष्य-श्रव्य माध्यम में चुनाव के दौरान मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए प्रकाशित और प्रसारित की जाने वाली पेड न्यूज को रोकने के लिए आयोग ने दिशा-निर्देश बनाए हैं और अब सोशल साइटों को लेकर भी वह गंभीर है।

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित मीडिया कार्यशाला में आयोग के प्रतिनिधियों ने पेड न्यूज को रोकने और मतदाताओं को जागरूक करने के लिए चल रही कोशिशों को पत्रकारों के बीच साझा किया। इसी वर्ष राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लिहाजा आयोग ने मीडिया से अपेक्षित सहयोग व जमीनी हकीकत जानने के मकसद से कार्यशाला आयोजित की।

निर्वाचन आयोग के महानिदेशक अक्षय राउत ने कहा कि मीडिया आयोग का सबसे अच्छा मित्र है। चुनाव प्रबंधन के काम में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दूर दराज के इलाकों में जहां उनके पर्यवेक्षक नहीं पहुंच पाते हैं, वहां की जानकारी उन तक मीडिया के माध्यम से ही पहुंचती है। चुनाव आयोग की कोशिश निष्पक्ष चुनाव कराने की होती है और उसमें मीडिया मददगार की भूमिका निभाता है।

उन्होंने बताया कि पेड न्यूज रोकने के लिए आयोग की तरफ से राज्य और जिला स्तर पर नजर रखने के लिए मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति भी बनाई जाती है। पेड न्यूज प्रमाणित होने पर तय दरों के मुताबिक उसे विज्ञापन की दर से प्रत्याशी के हिसाब में खर्च जोड़ा जाता है, इसके अलावा टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों का ब्यौरा भी तैयार किया जाता है।

राउत ने एक सवाल के जवाब में बताया कि टेलीविजन पर प्रसारित होने वाली पेड न्यूज पर नजर रखने के लिए आयोग विशेष व्यवस्था करने वाला है। इसके तहत तमाम टेलीविजन चैनलों पर प्रसारित होने वाली न्यूज पर एक दल द्वारा चौबीसों घंटे नजर रखी जाएगी। इस दौर में न्यू मीडिया की भी भूमिका अहम हो गई है, जिस पर नजर रखना आसान नहीं है, फिर भी आयोग इसको लेकर गंभीर है।

राउत ने आगे कहा कि चुनाव के समय पेड न्यूज के नाम पर होने वाली अनियमितताओं को रोकने के लिए हर उपयुक्त प्रयास किया जाएगा। इस संबंध में उन्होंने मीडिया से सहयोग की अपील की।

उप निर्वाचन आयुक्त डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा कि निर्वाचन आयोग की उपयोगी जानकारी मीडिया द्वारा लोगों को तेजी से प्रसारित की जाती है और आयोग को मीडिया से अच्छा फीडबैक भी मिलता है। उन्होंने बताया कि निर्वाचन के दौरान नियमित मीडिया ब्रीफिंग की जाएगी। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कुछ लोग चुनाव को पेड न्यूज के माध्यम से पैसा कमाने का अवसर मानकर चलते हैं। इस प्रवृत्ति पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया स्वयं अपने को नियंत्रित करे।

संयुक्त निर्वाचन पदाधिकारी एस़एस़ बंसल ने निर्वाचन के समय लागू होने वाले कानूनी प्रावधानों के बारे में बताया। अपर संचालक जनसंपर्क सुरेश आवतरामानी ने पेड न्यूज के बारे में बताते हुए कहा कि पेड न्यूज के प्रमाणीकरण के लिए समितियों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि किस तरह के समाचार पेड न्यूज की श्रेणी में आएंगे।

इस अवसर मीडिया के प्रतिनिधियों ने भी निर्वाचन आयोग के पदाधिकारियों से कई प्रश्न पूछे और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।

इस अवसर पर स्वीप प्लान के संयोजक वीरेंद्र ओझा के साथ ही मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी जयदीप गोविंद, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एस़ एस़ बंसल और जनसंपर्क विभाग के अपर सचिव लाजपत आहूजा भी उपस्थित थे।

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