ये एसआर ट्रेडर्स कौन है, कहीं शिवराज ट्रेडर्स तो नहीं

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आत्माराम यादव/होशंगाबाद। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा क्षैत्र बुदनी के ग्राम जोशीपुर बगवाड़ा घाट पर नर्मदा नदी के अन्दर पानी में घुसकर आधा दर्जन जेसीबी मशीनों से रेत उलीचने कर अनाप शनाप मुनाफा कमाने के लिये रेत लूटने का काम चल रहा है और ओव्हरलोड़ ट्रक भरकर दायें-बॉयें रेत का बफर स्टाक किया जा रहा है।

रेत की सभी खदानों से ओव्हरलोड ट्रक भरकर जिला प्रशासन की नजरों के सामने सरेआम आ रहे है। जिनसे रेत रिगकर सड़क पर बिखर रही हैँ कोई भी ट्रक  ड फर तिलपाल ढाकने वाले नियम का पालन नहीं कर रहा है।

जोशीपुर-बगवाड़ा घाट पर जिस तरह नर्मदा नदी के पानी के अन्दर घुसकर जेसीबी रेत उलीच रही है मानो वह नर्मदा के गर्भ को खींचकर ले जा रही है, नर्मदा की इस पीड़ा को समझने कोई पर्यावरणविद भी तैयार नहीं। सांसद अनिल माधव दबे वान्द्राभान की जिस रेत के ऊपर अंतर्राष्ट्रीय नदी महोत्सव मनाकर अपनी राजनीति की दुकान चला रहे है वहीं रेत चोर सरेआम उसी नर्मदा की रेत के नीचे से रेत उलीच कर राजनीति कर रहे है।

जिस तरह सांसद अनिल माधव दबे रेत चोरों की राजनीति के मध्यस्थ लगते है वहीं स्वयं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान इनके संरक्षक नजर आ रहे है, वर्ना कोई कारण नहीं था कि नर्मदा को इस बेरहम तरीके से दिनरात उलीचा जाये।

कोई नहीं जानता कि यह एसआर टेडर्स कौन है, जो मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षैत्र के बगवाड़ा, जोशीपुर, शाहगंज,जहाजपुर आदि खदानों का दोहन कर रहा है, अनेक लोग इस एस आर टेडर्स को शिवराज टेडर्स भी कहते पाये गये है।

होशंगाबाद,सीहोर एवं रायसेन जिले में खनिज विभाग के अधिकारी और इन्सपेक्टर चूहा बने डरे सहमे हुये है और इन जिलों की 67 खदानों ठेकेदार बिल्ली की तरह झपट्टा मारकर रेत का भरपूर दोहन कर रहे है। उक्त ठेकेदारों द्वारा जो खदानें ठेके पर ली है उसके आसपास के सारे क्षैत्र की रैतीली भूमि पर अवैध उत्खनन जोरों से है और जिला प्रशासन अंधा-गूंगा और बहरा बनकर इन ठेकेदारों की चापलूसी में लगा है। प्रशासनिक कमजोरी का ही कारण है कि रेत ठेकेदारों की शह पर अनेक रेत चोर सक्रिय हो गये है जो ग्रामीण क्षैत्रों के नदी-नालों तक में रेत और बोल्डरों की लूट मचाये हुये हैँ।

कोडिय़ों के दाम पर्दे में नीलाम हुई खदानें

दो वर्ष के लिये होशंगाबाद,सीहोर एवं रायसेन जिले की 3000 एकड़ में फैली खदानों कों 22 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष के मान से दो वर्ष हेतु 44 करोड़ में दिया गया है। इन खदानों से प्रतिदिन 5 हजार ट्रक, डम्फर और ट्रेक्टर ट्राली रेत की ढुलाई कर रहे है जिससे 2 करोड़ रूपये प्रतिदिन ठेकेदार को मिल रहे है और बाहर जाकर यही रेत चौगुने दामों में बिक रही है।

होशंगाबाद जिले की बाबई तहसील  के 6 गॉवों की 520 एकड़ क्षैत्र की 7 खदानें, होशंगाबाद के ग्राम रायपुर 950 एकड़, खोजनपुर 200 एकड़, निमसाडिय़ा 10 एकड,मेहराघाट  600 एकड़, होरियापीपल 55 एकड़,-कुल 1815 एकड़ की 8 खदानें, पिपरिया तहसील की पिपरिया में 45 एकड़ की 7 खदानें, सिवनीमालवा तहसील की 85 एकड़ में फैली 8 खदानें, केसला ब्लाक की 30 एकड़ की 3 खदानें, रायसेन की 85 एकड़ में 16 खदानें,मु यमंंत्री शिवराज सिंह के विधानसभा क्षैत्र की 372 एकड़ की 6 खदानों से बिना रायल्टी रसीदें कॉटे दिन रात रेत की अवैध ढुलाई चल रही है, इन तीनों जिले में 8 कर्मचारियों के भरोसे हजारों ट्रक, ड फर और ट्रेक्टर ट्राली से रेत की अंधाधुध ढुलाई चल रही है जिसमें शासन को करोड़ों रूपये का चूना लग रहाहै।

अवैध कटाव और स्टाक पर ध्यान नहीं
जिस तेजी से नर्मदा एवं तवा के तटों पर 2922 एकड़ में रेत उत्खनन के ठेके दिये गये है, जबकि आधे से अधिक क्षैत्र में पानी है तथा आधे में रेत है, लेकिन नर्मदा एवं तवा में कटाव का ध्यान दिये बिना दोनों ओर से जेसीबी मशीन से अवैध उत्खनन किया जा रहाहै उससे नर्मदा के तटों पर भारी कटाव हो रहा है जो आने वाले दिनों के लिये गहरे संकट का कारण बन सकते है। शर्मसारकरने वाली बात यह है कि ओव्हरलोड भरे वाहनों से आने वाली रेत को लोग राजनैतिक लोगों के संरक्षण में एकत्र कर रहे है ताकि बरसात में पानी आने के बाद उक्त स्टाक को मुंहमॉगे दामों पर बेचा जाकर लाभ कमाया जा सके ।

उच्च न्यायालय की अवमानना

इन खदानों पर उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना खुले रूप से की जा रही है जहॉ ट्रकों को रेत ओव्हरलोड भरा जा रहा है वही इन जिलों में जो ठेकेदार क पनियॉ है उनमें आरएसआई स्टोनवर्ड प्रायवेट लिमिटेड, शिवा कार्पोरेशन,एसआर टेडर्स, चिरागदीन होटल प्रायवेट लिमिटेड, कुवर कामना मिनरल्स, अल्साई स्टोन बर्ड एव उदयपुरा ग्रुप है, लेकिन कोई नही जानता कि ये कहॉ से उत्पन्न हुई और किनके द्वारा संचालित है पर सभी यह अवश्य जानते है कि ये ठेकेदार क पनियॉ मनमानी कर नर्मदा नदी एवं अन्य रेत खदानों का बुरी तरह दोहन कर पर्यावरण के लिये नुकसान पहुंचाया रही है। यही कारण है कि होशंगाबाद-भोपाल सड़क मार्ग को इन्ही ओव्हरलोड ट्रकों ने क्षतिग्रस्त किया जिसका खामियाजना सभी भुगत रहे हैँ।

समाजसेवी शेख रमजान ने उच्च न्यायालय जबलपुर में इन अव्यवस्थाओं तथा सरेआम हो रही रायल्टी चोरी से शासन को होने वाले नुकसान से बचाने के लिये पहुॅचे जहॉ से जारी निर्देशों का पालन सरकार और जिला प्रशासन करने में अब तक पंंगु बना हुआ हैँ।

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