राकेश दुबे@प्रतिदिन। पेट्रोल की कीमतें फिर बढ़ गई, सोना घट गया और शेयर बाज़ार बढ़ गया| चालू खाते के घाटे के प्रभाव भी भारत के शेयर बाज़ार पर दिख रहे है| भारत ही नहीं पूरे विश्व का शेयर बाज़ार हिला हुआ है|
स्मार्ट फोन और उससे उपजे स्मार्ट शेयर बाज़ार की दशा का अंदाज़ ब्लैक बेरी के साथ पिछले 6 महीनों से जो घट रहा है उससे लगाया जा सकता है| ऐसे में भारत के गिरते रूपये को सँभालने से ज्यादा कुछ और करने की जरूरत है| सिर्फ हम सम्भाल लेंगे कहने से काम नहीं चलने वाला है मि. चिदाम्बरम|
सबसे पहले रुपया| बाज़ार का ऐसा मानना है कि हाल ही में आई गिरावट का सम्बन्ध अमेरिकी बाज़ार में घटी घटनाओं का नतीजा है, लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है, हमने अपने रूपये को अन्य देशों कि तुलना में काफी कमजोर बना लिया है| जिन देशों से हमारे मौद्रिक सम्बन्ध हैं, उनकी तुलना में हमारे देश में मुद्रा स्फीति की दर अधिक है|
सोने के मोह के बारे में वित्त मंत्री के बयान को बैंकों ने बहुत उत्साह से नहीं लिया| सोने में आई गिरावट का प्रभाव बैंकिग क्षेत्र के शेयरों पर पडा है, परन्तु इससे कोई दीर्घकालिक लाभ नहीं होगा| कुछ नया कीजिये, नहीं तो महंगाई और मुद्रा स्फीति आर्थिक ढांचे को हिला-हिला कर गिरा देगी|
