राकेश दुबे@प्रतिदिन। यूपीए-2 का आखिरी मंत्रिमंडल विस्तार आपदा प्रबंधन की तरह किया गया, परन्तु कुछ राज्य ऐसे छूट गये हैं, जहाँ भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं और वे राज्य जिनका प्रतिनिधित्व भी तुलनात्मक रूप से कम हैं। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, गुजरात असम को इस विस्तार में स्थान नहीं मिला है।
मध्यप्रदेश से सुश्री मीनाक्षी नटराजन और सज्जनसिंह वर्मा का नाम शाम तक चर्चा में था, परन्तु अंतिम समय पर मध्यप्रदेश के राजनीतिक गणित को देखते हुए कांग्रेस हाई कमान ने इन नामों को स्वीकृति नहीं दी। सूत्रों का दावा है कि सिंधिया गुट के दबाववश ऐसा निर्णय हुआ है।
राजस्थान में चले जाट आन्दोलन और ब्राह्मण वोटों का संतुलन बैठाने के लिए नब्बे वर्षीय शीशराम ओला और सुश्री गिरिजा व्यास को स्थान दिया गया है। आगामी चुनावों में इनकी नाराजी से बचाव के लिए यह आपदा प्रबंधन किया गया हैं, लेकिन यह भ्रम है। सुश्री गिरजा व्यास का प्रभाव राजस्थान के हाडोती क्षेत्र से आगे नहीं है, वहीं शीशराम ओला जाट आन्दोलन और कांग्रेस द्वारा दिए आश्वासन का विकल्प नहीं हैं।
पृथक तेलंगाना आन्दोलन के प्रभाव को कम करने के लिए आन्ध्र से दो मंत्रियों को शपथ दिलायी गयी है। मानिक राव गावित को भी महाराष्ट्र में शरद पवार द्वारा हाल ही में की गई राजनीतिक उठापटक के जावाब के रूप में शामिल किया गया है। ऑस्कर फर्नान्दिज़ और श्रीमती चौधरी को निष्ठावान होने का पुरस्कार मिला हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस के सारे खेमे इस विस्तार से मायूस हैं।