इछावर। सीहोर जिले में 11 जून से जोर शोर के साथ अटल ज्योति अभियान की शुरूआत तो हो गई। इस अभियान की शुरूआत के बाद सरकार का दावा था कि हम लोगों को 24 घंटे लाईट देगे और अधेंरे में डूबे रहने वाले गांव हमेशा के लिए रोशन हो जाएंगे लेकिन वो गांव कैसे रोशन होंगे जहां विधुत पोलो को तार खिंचने का सालों से इतजार है वो गांव कैसे रोशन होंगे जिनके ग्रामीणों को महिनों से जले ट्रांसफार्मर बदलाए जाने का इंतजार है.
उनघरों में लाईट कैसे पहुचेंगी जिनके विधुत विभाग ने भारी भरकम राशि के बिल पहुंचाकर काट दिए। आज अकेली इछावर तहसील के दर्जनों गांव ऐसे है जहां ज्योति सिर्फ लालटेनों और चिमनियों में जल रही है।
पिछले 6 महीने से अंधेरे में डूबी है गाजीखेड़ी
इछावर ब्लाक के ग्राम गाजीखेडी में पिछले छ.माह से ग्रामीणो को लाईट आने का इतंजार है ग्रामीणो से जब भोपालसमाचार की टीम ने चर्चा की तो उनका कहना है कि हम नही जानते कि अटलज्योति अभियान क्या है।
पिछले छ.माह से पूरा गांव अधेरे में डूबा है विधुत विभाग ने एक ट्रांसफार्मर नया खडा किया था जो केवल तीन दिन ही सर्विस दे पाया और जल गया जिससे बदलाने के लिए विभाग को कई बार ग्रामीणो ने गुहार लगाई लेकिन अबतक कोई नतीजा नही निकला। नतीजतन पूरे ग्रामीण अधेरे में रात काट रहे है और उन्हें अपना मोबाईल सेलफोन चार्ज करने के लिए अन्य गांव की शरण लेना पड़ रही है।
38 साल पहले गाड़े थे पोल, तार आज तक नहीं डले
तहसील मुख्यालय से 20कि.मी.दूर ग्राम रघुनाथपुरा का ही अगर जिक्र किया जाए तो वहां 38 साल पहले विधुत विभाग ने पोल तो गांडे थे लेकिन उन पर तार खीचना भूल गये। ग्रामीण बताते है कि सन् 1975 के पहले जब विधुत मंत्री अजीज कुरैशी हुआ करते थे तब गांव में विभाग ने लाईट के लिए पोल गाडे थे लेकिन न तो उन पोलो पर तार खिंच पाए बल्कि एक एक कर सभी पोल बीते सालों में जमीदोज हो गए। तमाम प्रयासों के बाद भी आज तक रघुनाथपुरा में लाईट अपलब्ध नही है।
मोगरा में जमीन पर पड़े हुए हैं पोल
इछावर से मात्र 4 किलोमीटर दूर मोगरा गावं को भी अटल ज्योति अभियान से लाभांवित होने के लिए महिनों इंतजार करना पडेगा क्योकि फीडर सेप्रेशन के लिए लगाए जाने वाले पोल अभी तो सड़क पर ही पडे है तहसील के दर्जनों गांव से ट्रांसफार्मर नही होने की खबर है विधुत विभाग के अधिकारी कुछ तो भी कारण बताकर अपनी जिम्मेदारियों से पाल्ला झाड रहे है दूसरी तरफ ग्रामीण अंधेरे में अपनी जिंदंगी गुजर ने के लिए विवशा है।