किरर टोल प्लाजा बन गया गुण्डों का अड्डा, आये दिन यात्रियों से होती है बदतमीजी

राजेश शुक्ला/अनूपपुर। रीवा-अमरकंटक मार्ग में राजेन्द्रग्राम से पूर्व किरर घाट में बने टोल प्लाजा के कुछ कर्मचारियों द्वारा आये दिन यात्रियों से बदतमीजी करने, गाली-गलौच करने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।

आमतौर पर ऐसे मामलों में बदले में यात्री भी इनकी मॉ बहन एक कर अपने को संतुष्ट कर बिना शिकायत दर्ज कराये आगे बढ़ जाता है, लेकिन ऐसी हर घटना के बाद इनका मनोबल निरंतर बढ़ता जा रहा है और अब ये यात्रियों से खुली गुण्डई करने पर भी उतारू हो गये हैं। ऐसी ही एक घटना के बाद अनूपपुर के एक जागरूक युवक ने कोतवाली अनूपपुर में इनके विरूद्ध शिकायत दर्ज कराई है। मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार रविवार की शाम ४-५ बजे के बीच अनूपपुर से अमरकंटक की यात्रा कर रहे एक वाहन में सवार यात्री जब किरर टोल प्लाजा पहुंचे तो यहां उन्हे बेवजह आधे घण्टे तक रोके रखा गया। 

बतलाया गया है कि यहां बिना सूचित किये या कोई जानकारी दिये बेवजह कई वाहनों को आधे घण्टे से अधिक तक जब रोका गया और पूछे जाने पर भी किसी भी जिम्मेदार कर्मचारी/ अधिकारी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया, तो लोग क्रोधित हो उठे। एक वाहन में यात्रा कर रहे अनूपपुर के जागरूक युवक हरिओम ताम्रकार ने वाहन से उतरकर इसका कारण जानना चाहा तो उन्हे बड़ी बदतमीजी के साथ धमकाया गया। तब हरिओम ने एक ओर से मार्ग खाली कर वाहन निकालने को कहा और मार्ग पर रखे बैरीकेट को किनारे करने की कोशिश की गई, तो टोल प्लाजा के तथाकथित मैनेजर, सिक्योरिटी गॉर्ड्स के साथ कई अन्य संदिग्ध लोगों द्वारा उनके साथ अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए गाली-गलौच किया गया और उन्हे जान से मारने की धमकी दी गई। वाहन चालकों द्वारा विधिवत टोल टैक्स भुगतान करने के बाद हुई इस घटना से सभी हतप्रभ थे। 

चूंकि घटना स्थल पर मोबाईल का नेटवर्क नहीं था, इसलिए आगे बढऩे के बाद मोबाइल पर घटना की सूचना अनूपपुर नगर निरीक्षक एम.के. सिंह को तत्काल दी गई और जब वापसी के वक्त रात्रि लगभग ९ बजे यह लोग पुन: टोल प्लाजा पहुंचे तो एक गुण्डेनुमा तिलक लगाये युवक ने फिर से इनके साथ गाली-गलौच करते हुए निपटाने की धमकी दी। घटना से डरे सहमे लोग वापस अनूपपुर पहुंचे और कोतवाली अनूपपुर में घटना की लिखित शिकायत कर टोल प्लाजा में संदिग्ध युवकों/कर्मचारियों की गुण्डई की जांच कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की गई।

आये दिन होती है वारदात-लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए रीवा-अमरकंटक मार्ग का निर्माण कराया गया और इससे कीमत वसूलने के लिए टोल प्लाजा के निर्माण की अनुमति दी गई। नियम-विरूद्ध तरीक से किरर घाट के घने जंगलों में टोल प्लाजा बनाया गया और तब से ही यहां कार्यरत कर्मचारियों के आचरण से आये दिन यात्रियों से इनका विवाद होता रहता है। जंगलों से हरे-भरे वृक्षों को काटना, लोगों से दुव्र्यवहार करना, कैमरे बंद कर संदिग्ध तरीके से सांठ-गांठ कर गाडिय़ों को निकालने जैसे कई संगीन आरोप इनके ऊपर लगते रहे हैं। कुछ माह बाद कर्मचारियों को बदल दिया जाता है और मामला दब जाता है।

लोकनिर्माण मंत्री को प्रेषित की शिकायत-चूंकि उक्त युवक सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के साथ कई अन्य समाजसेवी संगठनों से जुड़कर समाजसेवा के कार्य करते रहे हैं और उन्हे अपने अधिकारों और दायित्वों का पूरा ज्ञान है। इसलिए हुए अपमान को चुपचाप सहने की अपेक्षा उन्होने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराने के साथ-साथ घटना की लिखित शिकायत लोकनिर्माण मंत्री नागेन्द्र सिंह के साथ डीजीपी नंदन दुबे से की है।

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