उनाव के 400 साल पुराने सूर्य मंदिर में दर्शन मात्र से मिल जाता है संतान सुख

दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया जिले के उनाव बालाजी में स्थित प्राचीन सूर्य मंदिर इन दिनों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केन्द्र बना हुआ है। लगभग चार सौ वर्ष पुराने इस ऐतिहासिक सूर्य मंदिर में संतान की चाहत रखने वाले श्रद्धालुओं की भगवान के दर्शन मात्र से संतान सुख की प्राप्ति हो जाती है।

दतिया और झांसी सड‍क मार्ग के पहुंज नदी के किनारे पर आकर्षक और सुरभ्य पहाड़ियों में स्थित इस सूर्य मंदिर पर सूर्योदय की पहली किरण सीधे मंदिर के गर्भागृह में स्थित मूर्ति पर पड़ती है और इस प्राचीन मंदिर में प्रतिदिन सैंकड़ों श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रहती है। उनाव बालाजी में आगामी 19 जुलाई को भगवान सूर्य की एक विशाल रथयात्रा भी निकाली जाएगी।

मंदिर के पुजारी बलराम दास पंडा, अखिलेश पंडा और रामाधार पंडा के अनुसार समूचे देश में ऐतिहासिक प्राचीन सूर्य मंदिर उनाव बालाजी में पहुज नदी के किनारे स्थित है। यह मंदिर दतिया से मात्र 18 किलोमीटर और झांसी से 11 किलोमीटर की दूरी पर सड़क मार्ग पर स्थित है। मंदिर में प्रतिदिन राजभोग के कार्यक्रम के साथ पूजा अर्चना का कार्यक्रम चलता रहता है। मंदिर की विशेषता यह है कि इस पर भगवान भास्कर की पहली किरण सूर्योदय के साथ पड़ती है।

मंदिर के बारे मे मान्यता यह है कि असाध्य रोग से पीड़ित व्यक्ति यदि पहुज नदी में स्नान करके भगवान सूर्य की प्रतिमा पर जल चढ़ाता है तो उसे असाध्य रोगों से मुक्ति मिल जाती है और नि:संतान दंपत्ति को संतान का सुख मिलता है। मंदिर निर्माण 16वीं सदी में किया गया था इस प्राचीन मंदिर की मान्यता और प्रसिद्धि के बावजूद इसके रख रखाव के लिए सरकार द्वारा कोई मदद नहीं दी जा रही है।

आगामी 19 जुलाई को उनाव बालाजी में शाम पांच बजे विशाल रथयात्रा निकाली जाएगी। यह रथयात्रा उनाव के प्रमुख बाजार से होकर पुन: मंदिर पहुंचेगी। इस दौरान मंदिर पर आर्कषक साज सज्जा की जाएगी। वहीं धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों और लोकगीतों के लिए देशराज पटेरिया एवं अन्य प्रमुख कलाकारों को आमंत्रित किया गया है।

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