भोपाल। प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का दौर पिछले 24 घंटे से जारी है। भोपाल, सागर और नर्मदांचल संभाग में नर्मदा, ताप्ती, बेतवा एवं अन्य छोटे नदी-नाले उफान पर हैं। सागर जिले में बाढ़ का कहर दूसरे दिन भी जारी रहा।
गुरुवार को शाहगढ़ क्षेत्र में धसान नदी में आई बाढ़ में दो गांव डूब गए। जहां फंसे 35 लोगों को बचाने के लिए प्रशासन ने सेना को बुलाया है। कुछ लोग बचने के लिए पेड़ पर तो कुछ पहाड़ों पर चढ़ गए हैं। दो लोगों के बहने का समाचार है। दमोह जिले में तीस गांव पानी से घिर गए हैं।
सागर कलेक्टर योगेंद्र शर्मा ने बताया कि गुरुवार की शाम पांच बजे धसान नदी का पानी अचानक अदावन और सहावन गांव में भरने लगा था। देखते ही देखते गांव के दो दर्जन से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया। बाढ़ में घिरे लोगों को बचाने के लिए सेना को बुलानी पड़ी। देर शाम सेना के दो दर्जन से अधिक जवान नाव और बोट सहित अन्य संसाधनों के साथ शाहगढ़ पहुंच गए हैं। करीब 35 लोग बाढ़ से चारों ओर से फंस हुए हैं। दूसरी ओर बंडा क्षेत्र के झागरी गांव के 80 लोगों को नदी में आई बाढ़ से सुरक्षित निकाल कर उन्हें स्कूल में ठहराया गया है। शेखपुरा गांव में बाढ़ में फंसे 25 लोगों को नदी से बाहर निकाल कर मंडी सचिव के कार्यालय में ठहराया गया है।
30 गांव खाली करवाए
महाकोशल-विंध्य में गुरुवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। दमोह जिले में भारी बारिश के चलते सुनार नदी उफान पर है। जिसके कारण करीब सौ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। हटा केरनेह थानांतर्गत बधा इमलिया, बिजवार, हिनौती, अदनबारा गांव तो व्यारमा नदी के पानी से चारों ओर से घिर चुके हैं। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों ने बचाव एवं राहत का कार्य शुरू कर दिया। करीब 25 गांवों को खाली करा दिया गया है।
ये मार्ग बंद
दमोह-जबलपुर मार्ग पर नोहटा के समीप गुंहची पुल क्षतिग्रस्त हो गया है, इसके अलावा इसी मार्ग पर हिततरवा पुल के पास बायपास पूरा बह गया है। जिससे यह मार्ग पूरी तरह से बुधवार से
अमरकंटक-जबलपुर मार्ग
डिंडौरी जिले में 35 घंटे से लगातार बारिश के चलते नर्मदा नदी सहित जिले की अन्य नदियों का जल स्तर तेजी से ब़़ढ रहा है। बजाग क्षेत्र में हुई जोरदार बारिश के चलते गुरुवार की सुबह 5 बजे से 8 बजे तक जबलपुर-अमरकंटक मार्ग पूरी तरह से बंद रहा।
नरसिंहपुर में बारिश जारी
जिले में लगातार बारिश व बाढ़ से कई ग्रामीण क्षेत्रों के मार्ग पुल-पुलिया अवरद्ध हैं। नरसिंहपुर-धमना--सांकल मार्ग, गोटेगांव--परमहंसी--लखनादौन मार्ग दूसरे दिन भी बंद रहे।
चित्रकूट में बाढ़, कई पुल डूबे
सतना के तराई अंचल में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ के हालात बन गए हैं। चित्रकूट में मंदाकिनी उफान पर है। इससे रामघाट की सीढि़यां डूब गई हैं और पानी मजगयेन्द्र मंदिर तक पहुंच गया है। पैश्विनी, सरयू, आरोग्यधाम, जानकीकुंड और सिरसावन के पुल डूब गई हैं। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रशासन ने कई दुकानें खाली कराई हैं और निचले इलाकों को खाली कराने के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। लगातार हो रही बारिश और बाढ़ के बीच लोगों की समस्या पिछले 24 घंटे से बिजली नहीं आने के कारण और बढ़ गई है।
किस जिले में क्या है स्थिति
सागर : 24 घंटे में 10 इंच बारिश। निचली बस्तियों में जल--भराव। बंजारा झील ओवरफ्लो। खुरई के बरौदिया--नौनागिर क्षेत्र में 45 मिमी बारिश से राहतगढ़ मार्ग बंद। 50 गांवों से टूटा सड़क संपर्क। बीना व नरेन नदी उफान पर। नरेन नदी रजवांस मार्ग के पुल पर 10 फुट भरा पानी।
विदिशा : 24 घंटे में 116.5 मिमी बारिश। इस मौसम में अब तक 321.1 मिमी बारिश दर्ज। जिला मुख्यालय का कई स्थानों का संपर्क टूटा। विदिशा--गैरतगंज मार्ग, विदिशा--नौलास मार्ग, विदिशा--गुलाबगंज मार्ग, विदिशा-- बासौदा मार्ग, विदिशा--सागर मार्ग, विदिशा--रायसेन मार्ग पर आवागमन बंद।
राजगढ़ : 24 घंटे में 4 इंच बारिश। 1 जून से अब तक 250.2 मिमी बारिश दर्ज। सड़कों पर पानी भरने से आवागमन में परेशानी। सारंगपुर क्षेत्र में भी दर्जनों जर्जर मकानों की दिवारे धाराशायी।
छिंदवाड़ा : 24 घंटे में 19 मिमी बारिश दर्ज। नदी नाले उफान पर। अमरवाड़ा, चौरई और नागपुर मार्ग में उफने नालों से सड़क मार्ग घंटों बाधित रहा यातायात।
सीहोर : बारिश ने 23 साल का रिकार्ड तोड़ा। जून 1991 में सर्वाधिक बारिश 242 मिमी हुई थी। इस साल 1 से 26 जून के बीच ही यह आंकड़ा 349.6 मिमी पहुंच गया है।
मप्र में 45 जिलों में सामान्य से 20 प्रश अधिक वर्षा?
भोपाल। मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्सों में झमाझम बारिश का दौर जारी है। प्रदेश के 45 जिलों में सामान्य से 20 प्रतिशत से अधिक वषर्षा हो चुकी है। राज्य के बा़़ढ नियंत्रण एवं मॉनीटरिंग सेल के मुताबिक एक से 27 जून तक जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मण्डला, डिण्डोरी, नरसिंहपुर, टीकमगढ, छतरपुर, सतना, शहडोल, उमरिया, इंदौर, धार, झाबुआ, आलीराजपुर, खरगो़न, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर, ज्जच्चैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, देवास, शाजापुर, मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, गुना, अशोकनगर, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल, शिवपुरी, सागर, दमोह, कटनी, पन्न, रीवा तथा श्योपुरकलां में सामान्य से 20 प्रतिशत अधिक वषर्षा रिकार्ड की गई है। जबकि सामान्य वषर्षा वाले जिलों में सीधी, बालाघाट, सिंगरौली, अनूपपुर तथा दतिया शामिल हैं।