आदिवासी महिलाओं के नाम पर बना लिया फर्जी स्वसहायता समूह, निकाले 3 लाख

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अनूपपुर। जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम लहरपुर(मुर्रा) निवासी लगभग एक दर्जन आदिवासी महिलाओं ने जिलाधीश नंद कुमारम् सहित अजाक्स थाना प्रभारी अनूपपुर को लिखित शिकायत कर आरोप लगाते हुये कहा है कि हम लोगों के नाम पर नंदू सोनी द्वारा फर्जी व कूट रचना कर महिला स्वसहायता समूह बनाकर एपीओ व बैंक अधिकारियों से साठगांठ से लगभग ३ लाख रूपये बैंक से आहरण कर लिया है। इसकी जानकारी जब लगी जब बैंक वाले मुन्नीबाई के घर ऋण वसूली  कर पहुंचे।

ऐसे लगी जानकारी: जब मुन्नी बाई व दुर्गेश के घर बैंक के अधिकारी पहुंचे और ऋण वसूली की बात कही और कहा कि आप के नाम पर  ढ़ाई लाख का ऋण है । जिसे आपने लिया है इसकी रशि आज तक बैंक में जमा नहीं हुई। इस राशि को शीघ्र जमा करें यह सुनकर मुन्नीबाई व दुर्गेश चकित रह गये कि हमने कब इतनी बड़ी राशि का ऋण बैंक से लिया और उन्होंने कहा कि हमने बैंक से आज तक कोई ऋण नहीं लिया है।  जिस पर बैंक के अधिकारी उन्हें बैंक आकर पूरी जानकारी लेने की बात कही। तब दोनों बैंक जाकर जानकारी ली तो ज्ञात हुआ कि सरोजनी महिला स्वसहायता समूह के नाम से यह ऋण लिया गया है। और अधिक जानकारी बैंक प्रबंधक से लेना चाहा तो प्रबंधक ने जानकारी देने की बजाय उन्हें  डाट कर भगा दिया। उन्हें जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया । बड़ी मुश्किल से मात्र उक्त स्वसहायता समूह के नाम पर निकाली गई राशि का विवरण लिस्ट दिया गया है, जिसमें दिनांक १ अप्रैल ०८ से ५ अप्रैल १३ तक के विवरण दर्ज हैं और लगभग २ लाख ५० हजार ८२० रूपये सरोजनी महिला स्वसहायता समूह के नाम पर कर्जा दर्ज है।

नाबालिग बच्ची को बनाया सदस्य

 इस पूरे मामले में नन्दू सोनी ने कूट रचना कर एक नाबालिग को इस समूह का सदस्य दुर्गेश देवी जो कि सुरेश कुमार जयसवाल की पुत्री है जो वर्ष २००८ में १५ वर्ष की एक नाबालिग बच्ची थी जो किसी भी समूह के सदस्य बनने योग्य नहीं थी और शेष महिलाएं अनपढ़ आदिवासी महिलाएं हैं, जो कोई भी समूह का निर्माण करने व उसे संचालित करने के योग्य नहींं हैं।

मामले का सूत्रधार

नंदू सोनी निवासी जैतहरी जो कि पेशे से शा.उचित मूल्य की दुकान में सेल्समैन है।  जिसका आना-जाना पीडि़त महिलाओं के घरों में रहा है। जिसका फायदा उठाकर इसने लगभग ४-५ वर्ष पूर्व इन महिलाओं से कुछ कोरे कागजों पर अंगूठा लगवाया व उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने की बात पर उनसे उनकी फोटो ली। बहुत दिन  बाद जब इन महिलाओं ने नन्दू सोनी से फोटो व अंगूठा  निशान लेजान के एवज में पूंछा कि अभी तक हमें उसका लाभ नहीं मिला तो नन्दू ने कहा कि आप लोगों को कोई योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है और जब बैंक अधिकारी ऋण वसूली के लिये इनके घर पहुंचे तो पूरा मामला इनके समझ में आ गया।  तब इन लोगों ने नन्दू सोनी से इस बारे में पूंछतांछ की, तो उसने बताया कि बैंक आप लोगों से झूठ बोल रही है। और यह भी कहा कि अगर पैसा निकला भी है तो उसे जमा करा दिया जायेगा।

साठगांठ से निकली राशि

 महिलाओं ने आरोप पत्र में आरोप लगाते हुये बताया कि नन्दू सोनी बहुत ही चतुर व चालाक होने के साथ-साथ प्रभावशाली व्यक्ति है। उसने ही हम लोगों के नाम से फर्जी स्वसहायता समूह का कागज तैयार कर बैंक अधिकारी व एपीओ से सांठगांठ कर हम लोगों के नाम से बैंक से फर्जी तरीके से राशि का आहरण कर लिया है। महिलाओं ने यह भी कहा है कि हम सीधे-साधे अनपढ़ आदिवासी हैं तथा दुर्गेश देवी उस समय एक नाबालिग बच्ची रही है। यदि ऐसा फर्जी कृत्य किया गया है तो उसकी उचित जांच कर कार्यवाही हो।
कार्यवाही किये जाने की मांग- सभी पीडि़त महिलायें मुन्नीबाई पनिका, पुनिया भैना, उमा देवी भरिया, मैकी बाई, रूकमणी, फूलवती, सरस्वती, गोमती व दुर्गेश देवी ने शिकायत कर मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाने की मांग की है।
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