उत्तराखंड में फटे बादल में मध्यप्रदेश के 2000 से ज्यादा लापता

भोपाल। उत्तराखंड में बीते रोज फट पड़े बादल के बाद मध्यप्रदेश के करीब 2000 से ज्यादा तीर्थयात्री लापता हैं। वो कहां है और कैसे हैं इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है। वहां अफरातफरी का माहौल है एवं मंगलवार को स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों के बाद भी कुछ खास सफलताएं नहीं मिल पाईं हैं।

मध्यप्रदेश के एक यात्री सबीर खान ने बताया कि मैं इस वक्त ऋषिकेश में हूं।  केदारनाथ दर्शन को गए इंदौर के लोगों का इंतजार कर रहा हूं। उन्हें वापस लेकर आना है। 50 में से केवल एक का पता चला है, शेष कहां हैं, कुछ पता नही।  चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। इंदौर और उसके आस-पास की 15-20 बसें खड़ी हैं। यात्रियों का पता नहीं चल पा रहा।

मंगलवार दोपहर में बदहवास हालत में हमारी बस के एक यात्री फुल कांकरिया के हमीरसिंह लौटकर आए। बोले- केदारनाथ दर्शन करके सारे साथी लौट रहे थे। अचानक भीषण गड़गड़ाहट के साथ बादल फटे और सारे यात्री  बिखर गए। पत्नी जनक अचानक कहां खो गईं, पता नहीं। मुझे एक गुफा नजर आई तो मैं उसमें छुप गया। हेलिकॉप्टर वाले आज ऋषिकेश छोड़ गए। 16 जून को केदारनाथ पहुंचने के बाद सुबह नौ बजे गौरीकुंड के लिए रवाना हुए थे। गौरीकुंड में सभी श्रद्धालुओं का भोजन तैयार था मगर कोई नहीं लौटा।

मप्र के लोगों के लिए कंट्रोल रूम

मध्यप्रदेश के लोगों के लिए राज्य आपदा प्रबंधन ने इमरजेंसी कंट्रोल-रूम (0755-2556422) बनाया है। इसके प्रभारी जिला सेनानी संतोष जाट हैं। उनका मोबाइल नंबर 09926769808 है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तराखंड सरकार को 5 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है।

हेल्पलाइन
देहरादून : 0135-2710334/35
गुप्तकाशी : 233610, 233995

प्रदेश के 2000 से ज्यादा फंसे
इंदौर 500
भोपाल 500
रतलाम 234
उज्जैन 307
शाजापुर 166
सीहोर 35
बड़वानी 200

नहीं हो पा रहा संपर्क, परिजन चिंतित

मम्मी से रविवार दोपहर में बात हुई थी। गौरीकुंड में थीं। इसके बाद से संपर्क नहीं है: ब्रजेंद्रसिंह चौहान, इंद्रपुरी
मम्मी-पापा से 16 जून को बात हुई तब वे केदारनाथ में थे: संदीप राजौरिया

इंदौर और आस-पास की करीब 20 बसें गई हैं। सभी बस संचालकों को यात्रियों का इंतजार है। इनकी संख्या 500 के आस-पास होगी। हमारी बस में 55 यात्री सवार थे। मंगलवार को ऋषिकेश से वापसी होना थी, कोई यात्री नहीं आया:  अरुण गुप्ता, संचालक गुप्ता  ट्रेवल्स इंदौर

कहीं पुल धंसने से फंसे, कहीं जाम ने रोका

उत्तराखंड की यात्रा पर गए इंदौर के करीब 500 तीर्थयात्री बद्रीनाथ, केदारनाथ के रास्ते में फंसे हैं। संचार व्यवस्था फेल होने से परिजनों से संपर्क नहीं हो पा रहा। खाने के भी लाले पड़े हैं। यात्रियों के परिजनों से बात की।
केदारनाथ के पास राजपुरा में भी इंदौर का एक परिवार रिश्तेदारों के साथ फंसा हुआ है। यहां पुल गिर जाने के कारण लोग निकल नहीं पा रहे हैं।

सिलावटपुरा ने रहने वाले अमरीश राठौर ने बताया कि उनके पिता विजयसिंह राठौर और मां निर्मला राठौर रिश्तेदारों के साथ 1 जून को इंदौर से हरिद्वार में एक कथा में शामिल होने गए थे। 10 जून को कथा पूरी होने के बाद वे आसपास दर्शन के लिए निकल पड़े। उनके साथ विजयसिंह के बड़े भाई भवानीसिंह पत्नी शोभा, जीजा घनश्याम, धार के रहने वाली अमरीश की सास और दिल्ली से एक समधी भी थे। अमरीश ने बताया कि मंगलवार दोपहर उनकी परिवार से बात हुई ठीक से आवाज नहीं आने के कारण वे लोग इतना ही बता पाए कि वे रामपुरा की एक धर्मशाला में हैं और यहां एक पुल टूट जाने के कारण वे निकल नहीं पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वहां हालात ठीक नहीं है।

घर से ले गए नाश्ते के सहारे रह रहे हैं

भाजपा नेता एकलव्य गौड़ ने बताया कि उनके बड़े चचेरे भाई राजसिंह गौड़ मित्र सोनू सोनी और पार्षद लक्ष्मी हेमंत के बेटे सचिन तीनों पत्नी और बच्चों के साथ एक सप्ताह पहले इंदौर से गाड़ी से रवाना हुए थे। पिछले दो दिनों से वे केदारनाथ के पास रामपुरा में फंसे हैं। रास्ते पर जाम लगा होने से निकल नहीं पा रहे। उन्होंने बताया वे इंदौर से जो नाश्ता और खाने का सामान ले गए थे उसी के सहारे वहां समय निकाल रहे हैं। मोबाइल पर भी उनसे लगातार संपर्क नहीं हो पा रहा।

जैन समाज का दल जोशी मठ में फंसा

इंदौर से गया जैन समाज के 36 लोगों का एक दल बद्रीनाथ से 35 किमी नीचे जोशी मठ में पिछले तीन दिनों से फंसा है। दल में शामिल क्लाथ मार्केट एसोसिएशन के मंत्री हंसराज जैन ने बताया कि वे 7 जून को इंदौर से दिल्ली रवाना हुए थे। यहां से गंगोत्री, यमुनोत्री होते हुए 15 जून को केदारनाथ पहुंचे। सभी के लिए हेलीकॉप्टर से जाने की बुकिंग की गई थी। आधे लोगों ने दर्शन किया और अचानक मौसम बिगड़ने लगा। इसे देख हेलीकॉप्टर सेवा बंद कर दी गई। इस पर सभी बद्रीनाथ के लिए रवाना हो गए। 17 किलोमीटर ऊपर चढ़े थे कि तेज बारिश और पहाड़ से पत्थर गिरने से जाम लगने लगा और पुलिस ने नीचे भेज दिया। तब सभी जोशी मठ में रुके।

  • गुप्ता ट्रेवल्स के यात्री जिनसे संपर्क नहीं हुआ
  • अर्जुनसिंह चौहान और पत्नी, कनाड़िया रोड
  • रमेश चंद्र दाधीच और एक साथी सदस्य, एरोड्रम रोड
  • मुरलीधर भावसार और एक अन्य सदस्य, वैशाली नगर
  • प्रभुलाल परमार, ताल
  • विद्यासागर शर्मा और एक अन्य, ताल
  • ब्रजमोहन गेहलोत और एक अन्य, तराना
  • मोहनलाल राजोरिया और चंद्रकला राजोरिया, पंढरीनाथ
  • रामकुंवर चौहान, इंद्रपुरी
  • केशर बाई जोशी और एक अन्य, गणोशपुरी
  • रुक्मिणी जोशी,  शिवमपुरी
  • भगवानसिंह सहित सात सदस्य, झलारिया
  • रूप सिंह राजपूत सहित छह सदस्य, झलारिया
  • अमीर सिंह के साथ एक सदस्य, हातोद
  • जमुनाप्रसाद सहित पांच सदस्य - आगर।  


12 से ही खराब हो गया था मौसम  

केदारनाथ के दर्शन करके सकुशल लौटे आलोकनगर निवासी अमित कोटिया ने बताया 12 जून को केदारनाथ में हलकी बारिश हो रही थी। मौसम तभी से खराब होना शुरू हो गया था। हरिद्वार पहुंचे तो हालात बिगड़ गए। मंगलवार को इंदौर पहुंच पाए।


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