भोपाल। पिछले तीन महीने से थमा हुआ अध्यापकों का आंदोलन एक बार फिर शुरू होने जा रहा है। संयुक्त मोर्चा के प्रांताध्यक्ष ने 1 जुलाई से तालाबंदी का एलान किया है और इसी एलान के साथ आंदोलन के लिए कई हफ्तों से तैयार बैठे अध्यापक एकजुट होना शुरू हो गए हैं, लेकिन वो चाहते हैं कि इस बार लड़ाई आर पार की होनी चाहिए। समझौतावादी नीति कतई नहीं चलेगी।
उक्त जानकारी देते हुए अध्यापक संयुक्त मोर्चे के संरक्षक मनोज मराठे ने बताया कि उन्होंने इस विषय में श्री पाटीदार से विस्तृत चर्चा की है। चर्चा के दौरान श्री पाटीदान ने उन्हें बताया कि जुलाई से नियमित सत्र प्रारंभ हो रहा है और अब तक कोई आदेश जारी नहीं होने से अध्यापकों का साहस डगमगाने लगा है सरकार सिर्फ वादों में समय निकल रही है दूसरी और चुनाव आचार सहिंता का समय नजदीक आता जा रहा है जिससे अध्यापकों में नाराजगी बाद रही।
पाटीदार ने कहा की इसके लिए संघ के पदाधिकारियों के साथ चर्चा कर एक बार फिर मुख्यमंत्री से मुलाकात की जायेगी जिसके बाद सरकार शीघ्र आदेश जारी नहीं कराती तो पहले की तरह जुलाई से तालाबंदी शुरू कर दी जायेगी ब्लाक से जिलास्तर पर अध्यापक कक्षों में नहीं जायेंगे।
गुरूजी व अतिथि भी आंदोलन में होंगे शामिल श्री मराठे ने अध्यापक मोर्चे व संविदा संघ के समस्त प्रदेश पदाधिकारियों से आंदोलन की रणनीति के लिए सभी जिला पदाधिकारी संयुक्त मीटिंग आयोजित करने की मांग की है इसमे पूरे प्रदेश के गुरूजी एवं अतिथि शिक्षकों के पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाए।