भोपाल। मोदी की नाराजगी से शुरू हुई सोमवार की सुबह शाम ढलते ढलते राजनाथ और शिवराज के बयान पर नहीं ढली बल्कि यह पोल भी खोल गई कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जो बयान दिया वो राजनाथ सिंह के दवाब के चलते दिया।
कुल मिलाकर राजनाथ सिंह द्वारा हैदराबाद में दिया गया बयान 'हम साथ साथ हैं' की पोल खाम होते होते खुल गई। सनद रहे कि आडवाणी ने अभी तक इस मामले में कुछ नहीं बोला है एवं माना जा रहा है कि वो अपनी बात पर अडिग हैं। डैमेज कंट्रोल के लिए पहले राजनाथ सिंह ने हैदराबाद में मोदी को देश का सबसे लोकप्रिय भाजपा नेता बताया तो शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें नंबर 1 मुख्यमंत्री।
सनद रहे कि यहां भी चतुराई के साथ शिवराज ने उन्हें केवल नंबर 1 मुख्यमंत्री करार दिया और इस प्रकार शिवराज ने अपना बडप्पन जता दिया। अब मोदी गुट समझ नहीं पा रहा है कि अंपायर अंकल आडवाणी द्वारा शिवराज को नंबर 1 बताने के बाद, भाजपा में नंबर 1 सीएम बने शिवराज सिंह चौहान द्वारा नंबर 1 की पोजीशन छोड़कर मोदी को उस पर ले आना, मोदी के लिए फायदेमंद कहां से है।
मोदी के मैनेजर्स एक बार फिर तमतमाए हुए हैं कि इस प्रकार से तो एक बार फिर शिवराज के हाथों मोदी की किरकिरी कराई गई है। सवाल यह उठता है कि भाजपा की यह अंतर्कलह चुनाव से पहले क्या गुल खिलाएगी।
इस फसाद को लेकर कांग्रेसियों ने तो भाजपा पर झींटाकशी तक शुरू कर दी है। केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट करते हुए कहा है कि बीजेपी में आडवाणी बनाम मोदी, मोदी बनाम राजनाथ, राजनाथ बनाम सुषमा, सुषमा बनाम अरुण जेटली का खेल चल रहा है। वहीं, कांग्रेस के नेता शकील अहमद ने चुटकी लेते हुए कहा है, 'आडवाणी अगर गुजरात से चुनाव लड़े तो हार जाएंगे। इसलिए वह इन दिनों सुरक्षित सीट की तलाश में हैं।'