भोपाल। त्रिकुटा कोल्ड स्टोरेज फर्जी लोन मामले में सहकारिता विभाग के अपर पंजीयक जेपी गुप्ता सहित अन्य अधिकारियों की गिरफ्तारी को लेकर लोकायुक्त पुलिस ने स्थानीय पुलिस पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इस मामले में लोकायुक्त के सख्त होने के बाद ही अपेक्स बैंक ने पिछले साल टीटी नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
सूत्रों ने बताया कि जांच के बाद इस मामले की लोकायुक्त में सुनवाई चल रही है। पिछली सुनवाई के दौरान टीटी नगर थाने के एएसआई ने लोकायुक्त के समक्ष आश्वासन दिया था कि 9 जून तक आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी। इस मामले में अगली पेशी 9 जुलाई को है।
इस पेशी में लोकायुक्त की विधि सलाहकार रश्मि अग्रवाल ने अब तक हुई कार्यवाही की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में लोकायुक्त संगठन ने 2010 में प्रकरण दर्ज किया था। इसके बाद संगठन ने बैंक को निर्देश दिए कि वह दोषियों के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराए।
बैंक की तरफ से कराई गई एफआईआर में जेपी गुप्ता का नाम शामिल नहीं था, लेकिन विवेचना के बाद उन्हें भी आरोपी बनाया गया है। दरअसल, बैंक के तत्कालीन ओएसडी अरविंद सिंह सेंगर सहित अन्य संबंधित व्यक्तियों ने अपने बयान में इस लोन की स्वीकृति के लिए अन्य अधिकारियों के साथ जेपी गुप्ता को भी दोषी बताया था। सेंगर ने अपने बयान में यह भी कहा था कि गुप्ता ने दबाव बनाकर अपना नाम एफआईआर में शामिल नहीं होने दिया था।
लोकायुक्त सूत्रों के अनुसार इस मामले में जेपी गुप्ता के साथ तत्कालीन ऋण कक्ष प्रभारी एसके गुप्ता, अरविंद वर्मा और तत्कालीन शाखा प्रबंधक पीकेएस राठौर आदि भी आरोपी हैं और सभी की गिरफ्तारी हो सकती है। 2001 में दिए गए इस लोन की राशि ब्याज सहित अब छह करोड़ तक पहुंच गई है।